आपका दिमाग गंदगी से भरा है: सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर इलाहाबादी को फटकार लगाई

Image (3)

नई दिल्ली: स्टैंड-अप कॉमेडियन समय रैना के यूट्यूब रियलिटी शो इंडियाज गॉट लैटेंट में अतिथि के रूप में आए रणवीर इलाहाबादिया के खिलाफ उनके माता-पिता की यौन गतिविधियों के बारे में अनुचित सवाल पूछने के आरोप में कई एफआईआर दर्ज की गई हैं और पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए रणवीर की सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जजों ने रणवीर इलाहाबादिया को अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के लिए कड़ी फटकार लगाई और कहा कि ऐसा लगता है जैसे आपके दिमाग में गंदगी भरी हुई है, साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर को अपना पासपोर्ट पुलिस के पास जमा कराने का भी आदेश दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि मामले की सुनवाई पूरी होने तक कोई शो आयोजित नहीं किया जाएगा और यह भी कहा था कि वह अदालत की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ सकेंगे। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर इलाहाबादिया के खिलाफ मुंबई, असम और जयपुर में दर्ज एफआईआर के मामले में अंतरिम राहत दी है और उन्हें गिरफ्तार न करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सोई ज़टकी से कहा कि रणवीर इलाहाबादिया ने जो कहा है वह शर्मनाक है।

फेसबुक पर छह लाख, इंस्टाग्राम पर 45 लाख और यूट्यूब चैनल पर एक करोड़ से अधिक सब्सक्राइबर वाले इलाहाबादिया की टिप्पणी उस समय वायरल हो गई, जब उनके माता-पिता के बारे में की गई टिप्पणी के बाद देशभर में रणवीर इलाहाबादिया के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। जिसके बाद विभिन्न राज्यों में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गईं। इसके बाद रणवीर इलाहाबादिया ने सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने तथा इन एफआईआर को रद्द करने की मांग की। जिस पर मंगलवार को सुनवाई हुई। 

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस कोटेश्वर सिंह की पीठ के समक्ष सुनवाई में देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी. रणवीर इलाहाबादिया की ओर से पेश हुए। वाई चंद्रचूड़ के बेटे और वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने दलीलें दीं। सुप्रीम कोर्ट ने वकील से पूछा, “क्या आप इस तरह की भाषा का बचाव कर रहे हैं?” जवाब में वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने कहा कि अदालत के एक अधिकारी के तौर पर मैं खुद इस तरह की भाषा से घृणा महसूस करता हूं। लेकिन यहां सवाल कानून का है। अपनी याचिका में रणवीर ने विभिन्न एफआईआर को एक साथ जोड़ने और गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अंतरिम सशर्त राहत देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता को जांच में पूरा सहयोग करना होगा। इसके साथ ही पुलिस स्टेशन में जांच के दौरान कोई भी वकील मौजूद नहीं रह सकता। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, इस मामले में रणवीर इलाहाबादिया के खिलाफ आगे कोई एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती। आवेदक, उसे प्राप्त धमकियों से सुरक्षा हेतु पुलिस के पास जा सकता है। अदालत ने इस मामले में केंद्र, महाराष्ट्र और असम सरकारों से जवाब मांगा है। इस मामले में आगे की सुनवाई 3 मार्च को होगी।