हिसार, 3 जून (हि.स.)। प्रेरणा परिवार की मासिक काव्य गोष्ठी सोमवार को अणुव्रत कार्यालय में हुई। गोष्ठी की अध्यक्षता शुभकरण गौड़ ने की, जबकि मंच संचालन संस्था के महासचिव जयभगवान लाडवाल ने किया। इसमें मुख्य अतिथि राजेन्द्र अग्रवाल थे।
इस अवसर पर राजेंद्र अग्रवाल ने काव्य रचना सुनाई ‘सपने वो होते हैं जो सोने नहीं देते, अपने वो होते हैं जो रोने नहीं देते।’ जय भगवान लाडवाल ने सुनाया ‘कि राजनिति में प्रवेश दिखाई देता है रिश्तेदारों का कलेश दिखाई देता है, नेताओं और कवियों में इतना फर्क है उनको कुर्सी दिखाई देती है, हमको देश दिखाई देता है।’ ऋषि सक्सेना ने सुनाया ‘आसमां में आज देखा चौदहवीं का चांद मुझे, मेरी आरजू चौदहवी का चांद।’
नरेश पिंगल निर्गुण ने सुनाया ‘मेरे गुरुवर, रहमो कर्म की करदे नजर, कृपा तेरी जो हो जाए भव सागर से जाएं तर’, पीपी शर्मा ने सुनाया ‘कांटा तो मैं नहीं था फिर भी खूब चुभा जन-जन के मन में, बनकर फूल किसी भी कली का खिल न सका मैं किसी के मन में।’ विनोद जैन ने अणुव्रत गीत सुनाया ‘संयम ही जीवन है, नैतिकता की सुर सरिता में जन मन पावन हो।’