उत्तर प्रदेश के बलिया में एक चौंकाने वाली घटना हुई जब भाजपा के जिला उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह के दफ्तर पर बुलडोजर चला। नगर पालिका प्रशासन ने इसे अवैध कब्जा और अतिक्रमण मानते हुए ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई से नाराज सुरेंद्र सिंह ने अनिश्चितकालीन धरने की घोषणा की है।
अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई
मंगलवार को बलिया नगर पालिका परिषद, जिला प्रशासन, और पुलिस की संयुक्त टीम ने इंदिरा मार्केट के चित्तू पांडेय क्षेत्र में कार्रवाई की। भाजपा जिला उपाध्यक्ष का शिविर कार्यालय, जिसे प्रशासन ने अवैध अतिक्रमण माना, बुलडोजर लगाकर ध्वस्त कर दिया गया।
सुरेंद्र सिंह का धरना और आरोप
कार्रवाई के विरोध में सुरेंद्र सिंह ने बुधवार से धरना शुरू कर दिया। उन्होंने धरना स्थल पर बैनर लगाते हुए लिखा:
“जिला प्रशासन की अन्यायपूर्ण और तुगलकी कार्रवाई के विरोध में विशाल धरना।”
धरना स्थल पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए सुरेंद्र सिंह ने कहा:
- 40 साल पुराना कार्यालय तोड़ा गया: “मैं पिछले 40 वर्षों से इस कार्यालय में बैठकर काम कर रहा था। प्रशासन ने बिना किसी चर्चा के इसे गिरा दिया।”
- सरकार मेरी, फिर चर्चा क्यों नहीं की? “मैं सत्ताधारी पार्टी का पदाधिकारी हूं। कार्रवाई से पहले मुझसे बात करनी चाहिए थी।”
प्रशासन पर राजनीतिक भेदभाव का आरोप
सुरेंद्र सिंह ने जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए:
- उन्होंने कहा कि अधिकारी “सपा के निर्देश” पर काम कर रहे हैं।
- प्रशासन को विपक्षी पार्टी का एजेंट बताते हुए सिंह ने इसे तुगलकी कार्रवाई करार दिया।
- उन्होंने जिलाधिकारी कार्यालय को पत्र लिखकर अपने धरने की जानकारी दी है।
कार्रवाई का प्रशासनिक पक्ष
नगर पालिका प्रशासन का कहना है कि कार्यालय अवैध कब्जे पर बना था।
- प्रशासन के मुताबिक, अतिक्रमण हटाने की यह कार्रवाई नियमानुसार की गई।
- अधिकारियों ने कहा कि किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़े व्यक्ति को नियमों के तहत विशेष छूट नहीं दी जा सकती।
सुरेंद्र सिंह का विरोध: क्या कहते हैं जानकार?
इस घटना के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों में नाराजगी है।
- राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा नेता का यह बयान, “सरकार मेरी है,” प्रशासनिक प्रक्रियाओं को चुनौती देता है।
- कुछ इसे “पार्टी के भीतर अनुशासन की कमी” और “अधिकारियों पर दबाव बनाने की कोशिश” भी मान रहे हैं।
राजनीतिक संदेश और सत्ता की परीक्षा
बलिया की यह घटना प्रशासन और भाजपा नेताओं के बीच खिंचाव को उजागर करती है।
- योगी सरकार के “बुलडोजर नीति” का यह कदम दिखाता है कि अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई में पार्टी से जुड़े लोगों को भी बख्शा नहीं जाएगा।
- सुरेंद्र सिंह का धरना भाजपा के अंदर सत्ता और अनुशासन की नई बहस को जन्म दे सकता है।