गलत खानपान और खराब जीवनशैली के कारण आजकल अधिकतर लोग कब्ज (Constipation) की समस्या से परेशान रहते हैं। इसके मुख्य कारण हैं जंक फूड का अधिक सेवन, पर्याप्त पानी न पीना, लंबे समय तक बैठे रहना, व्यायाम न करना, धूम्रपान और तनाव। कब्ज के कारण मल सख्त हो जाता है, जिससे शौच में परेशानी होती है। अगर कब्ज की समस्या लंबे समय तक बनी रहे, तो यह कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती है।
बाजार में उपलब्ध दवाइयों और सिरप का असर अस्थायी होता है और लंबे समय तक इनके सेवन से साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। ऐसे में, प्राकृतिक तरीके से कब्ज का इलाज करना सबसे सुरक्षित विकल्प है। योग एक ऐसा कारगर तरीका है, जिसके नियमित अभ्यास से कब्ज को जड़ से ठीक किया जा सकता है। आइए जानते हैं कुछ महत्वपूर्ण योगासनों के बारे में, जो कब्ज से राहत दिलाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
1. भुजंगासन (Cobra Pose)
भुजंगासन करने की विधि:
- पेट के बल लेट जाएं और पैरों को एक-दूसरे से सटा लें।
- कोहनियों को कमर से सटा कर रखें और हथेलियों को ऊपर की ओर रखें।
- धीरे-धीरे सांस भरते हुए अपनी छाती को ऊपर उठाएं।
- फिर पेट को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं और इस स्थिति में 30 सेकंड तक रहें।
- सांस छोड़ते हुए सिर को धीरे-धीरे जमीन पर ले आएं।
- इस प्रक्रिया को 3-5 बार दोहराएं।
भुजंगासन के फायदे:
- पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।
- पेट की मांसपेशियों की मालिश करता है, जिससे मल त्याग में आसानी होती है।
- कब्ज और पेट फूलने की समस्या को कम करता है।
2. वज्रासन (Thunderbolt Pose)
वज्रासन करने की विधि:
- योगा मैट पर घुटनों के बल खड़े हों।
- कूल्हों को एड़ी पर टिकाकर बैठ जाएं।
- सिर सीधा रखें और हाथों को घुटनों पर रखें।
- आंखें बंद करें और धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें।
- इस स्थिति में 5-10 मिनट तक बैठें।
वज्रासन के फायदे:
- भोजन के बाद वज्रासन करने से पाचन बेहतर होता है।
- पेट में गैस और अपच की समस्या दूर होती है।
- कब्ज से राहत मिलती है और मल त्याग सुगम होता है।
3. उष्ट्रासन (Camel Pose)
उष्ट्रासन करने की विधि:
- जमीन पर घुटनों के बल बैठ जाएं और हाथों को कूल्हों पर रखें।
- ध्यान रखें कि घुटने कंधों के समानांतर हों।
- गहरी सांस लें और रीढ़ की निचली हड्डी पर आगे की ओर दबाव डालें।
- हाथों से पैरों की एड़ियों को पकड़ें और कमर को धीरे-धीरे पीछे की ओर मोड़ें।
- इस स्थिति में 30-60 सेकंड तक रुकें।
- धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौटें।
- इस प्रक्रिया को 3-5 बार दोहराएं।
उष्ट्रासन के फायदे:
- पेट की मांसपेशियों को खिंचाव देकर पाचन को सुधारता है।
- कब्ज और एसिडिटी में राहत दिलाता है।
- पेट के अंगों में रक्त संचार को बढ़ाता है।
कब्ज से राहत के लिए योगासन करते समय ध्यान देने योग्य बातें
- नियमितता: योगासनों का नियमित अभ्यास करें, तभी आपको लाभ मिलेगा।
- पानी का सेवन: पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें।
- सही खानपान: फाइबर युक्त आहार लें, जैसे हरी सब्जियां, फल और साबुत अनाज।
- सांस पर ध्यान दें: योग करते समय सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया पर ध्यान दें।
- तनाव से बचें: तनाव कब्ज को बढ़ा सकता है, इसलिए मेडिटेशन और प्राणायाम करें।