पीसीओडी के लिए भुजंगासन बहुत फायदेमंद है। यह आसन शरीर के आंतरिक अंगों को मजबूत बनाता है और रक्त संचार को बेहतर बनाता है। कैसे करें?: इस आसन को भुजंगासन कहा जाता है क्योंकि इसमें शरीर की मुद्रा सिर उठाए हुए सांप की तरह होती है। सबसे पहले पेट के बल धीरे से लेट जाएं। अब दोनों हाथों को पसलियों के बगल में फर्श पर दबाएं। हाथों को कंधों के पास रखें और धीरे-धीरे धड़ को ऊपर उठाएं। सिर को पीछे झुकाएं और कुछ सेकंड तक इसी स्थिति में रहें। फिर धीरे-धीरे वापस आ जाएं.
यह आसन पाचन में सुधार करता है और तनाव कम करता है। यह पीसीओडी के लक्षणों में शामिल है। यह कैसे करें?: अपने घुटनों के बल बैठ जाएं। पैरों के तलवे ऊपर की ओर हों और हाथ घुटनों पर हों। अपनी आंखें बंद करें और गहरी सांस लें। 5-10 मिनट तक इसी स्थिति में रहें।
यह आसन कमर और कूल्हे के क्षेत्र में खिंचाव लाता है और शरीर को मजबूत बनाता है। इससे पेल्विक क्षेत्र में दर्द से राहत मिलती है। यह कैसे करें?: अपने पैरों को फैलाकर खड़े हो जाएं। एक हाथ को जमीन की ओर और दूसरे हाथ को ऊपर की ओर खींचें। कुछ सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें और फिर दूसरी तरफ जाएं।
पीसीओडी के दौरान बालासन बहुत आरामदायक है। बालासन तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है, जिससे हार्मोन संतुलित होते हैं। यह कैसे करें?: अपने घुटनों के बल बैठें और अपने शरीर को आगे की ओर झुकाएँ। अपनी भुजाओं को आगे की ओर फैलाएँ। इस स्थिति में 5-10 मिनट तक रहें और गहरी सांसें लें।
शवासन का अभ्यास पीसीओडी के कारण होने वाले मानसिक तनाव को कम करने में मदद कर सकता है। यह कैसे करें?: अपनी पीठ के बल लेट जाएं और अपने पैरों को थोड़ा फैला लें। हाथों को शरीर के किनारों पर रखें। अपनी आंखें बंद करें और शांति से सांस लें। 5-10 मिनट तक इसी स्थिति में रहें।