Year Ender 2024: भारत सरकार ने हेल्थ पर दिया जोर, 156 FDC दवाओं पर लगाया प्रतिबंध

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साल 2024 का अंत नजदीक है और यह साल भारत के हेल्थकेयर क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आया। सरकार ने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए उन दवाओं पर कड़ी कार्रवाई की, जिनसे जनता की सेहत को खतरा हो सकता था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 156 फिक्स्ड-डोज कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं के उत्पादन, वितरण, और मार्केटिंग पर प्रतिबंध लगाया। इनमें डायबिटीज, दर्द निवारक, एंटीबायोटिक्स और मल्टीविटामिन जैसी व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं शामिल हैं।

क्या हैं FDC दवाएं?

फिक्स्ड-डोज कॉम्बिनेशन (FDC) दवाएं वे होती हैं, जिनमें दो या उससे अधिक सक्रिय दवाओं का मिश्रण होता है। इन्हें अक्सर “कॉकटेल ड्रग्स” कहा जाता है।

  • इन दवाओं को मरीजों के इलाज में सुविधा के लिए बनाया गया था।
  • लेकिन कई मामलों में इनका गलत या अति-उपयोग स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हुआ है।

कौन-कौन सी दवाएं हुईं प्रतिबंधित?

  1. दर्द और बुखार की दवाएं:
    • मेफेनामिक एसिड + पैरासिटामोल इंजेक्शन।
    • पैरासिटामोल की हाई डोज वाली दवाएं।
  2. यूरिन इंफेक्शन की दवाएं:
    • ऑफलोक्सासिन और फ्लेवोजेट का मिश्रण।
  3. फीमेल इनफर्टिलिटी की दवाएं:
    • महिलाओं की इनफर्टिलिटी के इलाज में उपयोग होने वाली कुछ दवाएं।
  4. विटामिन और मल्टीविटामिन:
    • विटामिन डी की बहुत अधिक खुराक वाली दवाएं।
    • मिनरल्स और मल्टीविटामिन का कुछ कॉम्बिनेशन।
  5. आंखों की दवाएं:
    • नेफाजोलिन + क्लोरफेनिरामाइन मैलेट कॉम्बिनेशन।
    • फिनाइलफ्राइन + हाइड्रॉक्सीप्रोपाइलमिथाइलसेलुलोज का मिश्रण।
  6. एंटीबायोटिक्स:
    • सीफीटीन और कोलिस्टिन।
  7. अन्य दवाएं:
    • माइग्रेन, पेट दर्द, एसिडिटी और उल्टी के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं।

प्रमुख दवाओं का उदाहरण

स्वास्थ्य मंत्रालय ने “एसेक्लोफेनाक 50mg + पैरासिटामोल 125mg टैबलेट” जैसी सामान्य दर्द निवारक दवाओं पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा, “कंटेनिंग फेनेलफ्रीन” नाम की दवा, जो सर्दी, खांसी और नजले में इस्तेमाल होती थी, को भी बैन कर दिया गया।

  • फेनेलफ्रीन का खतरा:
    • अत्यधिक उपयोग से हृदय रोग और ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा।
    • स्टडी में इसके दुष्प्रभाव की पुष्टि।

प्रमुख दवा कंपनियों पर प्रभाव

इस प्रतिबंध का असर कई बड़ी दवा कंपनियों पर पड़ेगा, जिनमें सन फार्मा, सिप्ला, डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज, टोरेंट फार्मा और एल्केम लैबोरेटरीज जैसी कंपनियां शामिल हैं।

क्यों उठाया गया यह कदम?

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इन दवाओं का उपयोग स्वास्थ्य पर गंभीर दुष्प्रभाव डाल सकता है।

  • गजट नोटिस में चेतावनी:
    “यह निर्णय इन दवाओं से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों के आधार पर लिया गया है।”

स्वास्थ्य पर पड़ने वाला सकारात्मक प्रभाव

  • दवाओं के दुष्प्रभाव को कम करना।
  • मरीजों को सुरक्षित और प्रभावी इलाज प्रदान करना।
  • अति-उपयोग और गलत खुराक की समस्या से बचाव।

सरकार की सख्ती: एक जरूरी कदम

2024 में सरकार ने जनता की सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठाए। जिन दवाओं का प्रयोग व्यापक रूप से हो रहा था, उनके खतरों को पहचानते हुए, मंत्रालय ने सख्त प्रतिबंध लगाए। इस पहल से स्वास्थ्य क्षेत्र में सुरक्षित और जिम्मेदार दवा उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।