रायपुर , 17 मई (हि.स.)। विश्व उच्च रक्त चाप दिवस के अवसर पर आज शुक्रवार को छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर डिस्ट्रिब्यूशन तथा ट्रांसमिशन कंपनी के केन्द्रीय प्रशिक्षण संस्थान, गुढ़ियारी रायपुर में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता सीताराम साहू-मुख्य अभियंता, मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त आई.ए.एस. अधिकारी सत्यजीत ठाकुर, विशिष्ट अतिथि अतिरिक्त महाप्रबंधक उमेश कुमार मिश्रा थे।
प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये प्रशिक्षणार्थी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को संबोधित करते हुये मुख्य अतिथि श्री ठाकुर ने कहा कि तनाव प्रबंधन में ध्यान साधना की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका हैं। विपश्यना ध्यान साधना को लेकर सत्यनारायण गोयनका के अनुभवों और योगदान को जन-जन तक पहंुचा कर हम साधकों की संख्या को बढ़ा सकते हैं। यह साधना किसी बीमारी के उपचार के लिए नहीं है बल्कि ऐसी जीवन शैली के लिए है जिससे बीमारियां न हो। उमेश कुमार मिश्रा ने कहा कि जब किसी विशेष परिस्थिति को पैदा होने से रोकना नामुमकिन हो तो उसके साथ जीने के लिए विशेष प्रकार के प्रबंधन की आवश्यकता पड़ती हैं। उच्च रक्तचाप होने के कारणों को रोक पाना कठिन होता है तो उसके प्रबंधन से हम अपने जीवन को सुरक्षित बना सकते हैं। यही प्रबंधन सीखने की जरूरत है।
मुख्य अभियंता सीताराम साहू ने बताया कि विपश्यना ध्यान साधना से मानसिक तनाव को रोका जा सकता है। इस तरह तनावरहित जीवन में बीमारियों को रोकना भी संभव होता हैं। उन्होंने पाॅवर प्वाइंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से विपश्यना ध्यान साधना के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सत्यजीत ठाकुर के सौजन्य से दो विपश्यना केन्द्र बिलासपुर तथा थनौद (दुर्ग जिला) में संचालित हैं। तीसरे केन्द्र की स्थापना सिंगारभाटा (जिला रायपुर) में की जा रही है। छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर कंपनियों में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं जो तनावमुक्त जीवन का मार्ग प्रशस्त करता हैं। इस अवसर पर पाॅवर कंपनी के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।