देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है . दिल्ली की हवा में जहर घुल चुका है. यहां लोगों का खुली हवा में सांस लेना मुश्किल हो रहा है. प्रदूषण की वजह से बुधवार को कई इलाकों में स्मॉग छाया रहा. वहीं, मंगलवार को दिल्ली में कई जगहों पर AQI 500 तक पहुंच गया था. प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. लेकिन सभी नाकाम साबित हो रहे हैं. इस बीच दिल्ली सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला लिया है.
दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा चरण लागू है, इसके बावजूद हालात में कोई सुधार नहीं हो रहा है. हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. इस साल दिल्ली में प्रदूषण ने अपना पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है. साल 2019 के बाद राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण से हालात इतने खराब हुए हैं. मंगलवार को दिल्ली के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 500 तक पहुंच गया था. गंभीर हालात को देखते हुए दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बड़ा फैसला लिया है.
दिल्ली सरकार के 50% कर्मचारी घर से काम करेंगे- गोपाल राय
दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए सरकारी दफ्तरों में घर से काम करने का फैसला लिया गया है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एक्स पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी है। उन्होंने लिखा है- प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने सरकारी दफ्तरों में घर से काम करने का फैसला लिया है। 50% कर्मचारी घर से काम करेंगे। इसके क्रियान्वयन के लिए आज दोपहर 1 बजे सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक होगी।
लोगों के लिए दमघोंटू हवा में सांस लेना मुश्किल हो रहा है
आपको बता दें कि प्रदूषण के कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है। दमघोंटू हवा में लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है। लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत की शिकायत हो रही है। यह प्रदूषण खासकर छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। वायु प्रदूषण के कारण आंखों में खुजली, लालिमा, सूखापन और आंसू आने जैसी समस्याएं हो रही हैं। प्रदूषण के कारण व्यक्ति में बांझपन का खतरा भी बढ़ जाता है।
दिल्ली सरकार ऑड-ईवन की तैयारी में जुटी
रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 के पार पहुंचने के बाद दिल्ली सरकार ने सोमवार से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के चौथे चरण को लागू करने का निर्देश दिया था, जो ‘गंभीर+’ श्रेणी में आता है। इसके तहत कई सख्त कदम उठाए जाएंगे, जिससे प्रदूषण के स्तर में कमी आने और जनता को राहत मिलने की उम्मीद है। लेकिन फिलहाल यह राहत मिलती नहीं दिख रही है। अब राजधानी में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आखिरी उपाय ऑड-ईवन ही बचा है।