झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाली महिलाओं में खराब स्वास्थ्य होने की सम्भावना अधिक : गणेश केसरवानी

प्रयागराज, 29 जून (हि.स.)। झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाली महिलाओं में मानसिक विकार और खराब मानसिक स्वास्थ्य विकसित होने की सम्भावना अधिक होती है। इसलिए इन महिलाओं को सहायता प्रदान करना और उनकी आय बढ़ाने के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना तथा उनकी सामाजिक, आर्थिक और जीवन स्थितियों में सुधार करना इन पर विचार किया जाना चाहिए।

उक्त विचार महापौर गणेश केसरवानी ने शनिवार को रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज राजापुर में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली एवं झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाली बालिकाओं को स्वावलम्बी बनाने एवं अपनी भारतीय संस्कृति से जोड़ने हेतु लगभग 3 वर्षों से चल रहे “नई रोशनी“ (ई डब्ल्यू एस) का 57वां पाक्षिक कार्यक्रम में व्यक्त किया। महापौर ने कहा कि मैं संस्था के इस पहल की सराहना करता हूं और इन बालिकाओं को जो भी आवश्यकता होगी उन्हें पूरी करने का आश्वासन प्रदान करता हूं। इस अवसर पर समस्त बालिकाओं को उपहार एवं प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए।

प्रधानाचार्य बांके बिहारी पांडे ने कहा कि झुग्गी-झोपड़ियों में जहां अधिकांश लोग गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं, लड़कियों और महिलाओं की शिक्षा पीछे रह जाती है। गरीबी, अविकसितता, बड़े पैमाने पर निरक्षरता, अज्ञानता, शहरी पिछड़ापन और रूढ़िवादिता के कारण झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाली अधिकांश लड़कियां शिक्षा के अपने मूल अधिकार से वंचित रह जाती हैं। उन्होंने कहा कि इन बालिकाओं के लिए मैं अपने विद्यालय में निःशुल्क शिक्षा व्यवस्था करूंगा।

विशिष्ट अतिथि डिविजनल ऑफीसर नागरिक सुरक्षा कोर रौनक गुप्ता एवं अध्यक्षता कर रहे डॉक्टर पी के सिन्हा ने भी बालिकाओं का मार्गदर्शन किया। प्रारम्भ में संगीताचार्य मनोज गुप्ता के निर्देशन में बालिकाओं द्वारा गायत्री मंत्र के साथ भजनों एवं देशभक्ति गीतों का गायन हुआ। तत्पश्चात गणेश वंदना प्रस्तुत की गई उसके बाद चित्रकला प्रतियोगिता की कोऑर्डिनेटर बीना भार्गव द्वारा परिणाम की घोषणा की गई। इस अवसर पर अनिल कुमार भार्गव, संतोष कुमार, विनीत सिंह, आर के सिंह, ए के दरबारी, इंदर मध्यान, एन के अरोड़ा, निशा जायसवाल, स्तुति कुमार सहित तमाम व्यक्ति उपस्थित रहे। संचालन पूर्व जॉइंट कमिश्नर जीएसटी गोपाल गुप्ता ने किया।