कुशीनगर,22 मई (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय महत्व की गौतम बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में गुरुवार को 2568 वीं बुद्ध पूर्णिमा समारोह के कार्यक्रम बुधवार को पूर्व संध्या से ही शुरू हो गए। सुबह से ही बुद्ध के अनुयायी और भिक्षु कुशीनगर आने शुरू हो गए। शाम को भारत सहित लगभग 108 विदेशी बौद्ध भिक्षुओं को संघ दान दिया गया। कल पूरे दिन देर रात तक अनेक धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम, अनुष्ठान, शोभायात्रा और सभा के कार्यक्रम शुरू होंगे। इस अवसर पर बौद्ध मठों और मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया है।
प्रमुख पर्यटन कारोबारी टीके राय ने भिक्षुओं को संघदान दिया और बताया कि बौद्ध धर्म में दान देना महत्वपूर्ण धार्मिक कार्यक्रम है।भगवान बुद्ध ने लगभग दो हजार वर्ष पूर्ण वैशाख पूर्णिमा को सिद्धार्थ के नाम से लुम्बिनी में जन्म लिया था। इसी दिन बोधगया में ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। वैशाख पूर्णिमा को 80 वर्ष की आयु में उन्होंने कुशीनगर में महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था। अंत में आयोजक भिक्षुओं ने दानदाताओं के मंगलमय भविष्य के लिए सूत्रपाठ किया। इस दौरान भंते अशोक, थाई भंते गण, डाॅ वीना कुमारी, मोरिन राय,मल्लिका, डाॅ. एसके सिंह, आरएम गुप्त, खेमा, निहारिका, मौसम, विनय और रामनगीना आदि मौजूद रहे।