594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे के पूरा होने के साथ मेरठ से प्रयागराज तक की यात्रा तेज़ होगी

Post

उत्तर प्रदेश में मीरट से प्रयागराज तक लगभग 594 किलोमीटर लंबी गंगा एक्सप्रेसवे निर्माण कार्य तेजी से पूरा हो रहा है। इस छह-लेन एक्सप्रेसवे का अधिकांश हिस्सा, जैसे कि मुख्य मार्ग का लगभग 99 प्रतिशत कार्य, कर्ब और गटर का 100 प्रतिशत कार्य, और लगभग 1500 में से 1487 संरचनाएं पूरी हो चुकी हैं। इस मार्ग पर 12 जिलों को समाहित किया गया है, जिनमें मीरट, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बुंदेलखंड, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज शामिल हैं।

यह एक्सप्रेसवे मुख्य रूप से परिवहन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए बनाया जा रहा है और इसमें 14 प्रमुख पुल, सात रेलवे ओवरब्रिज, और 32 फ्लायओवर बनाए जा रहे हैं। साथ ही, मीरट और प्रयागराज पर दो प्रमुख टोल प्लाजा और मार्ग में 15 रैंप टोल प्लाजा स्थापित होंगे। भविष्य में इसे आठ लेन में विस्तारित करने की संभावना भी है।

गंगा एक्सप्रेसवे के बन जाने से पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के बीच संपर्क बेहतर होगा, और यह राज्य के औद्योगिक विकास को भी गति देगा। इसके साथ ही, स्थानीय ग्रामीण इलाकों के लिए 3.75 मीटर चौड़ी सेवा सड़क बन रही है, जो ग्रामीण ट्रैफिक के लिए सहूलियत प्रदान करेगी।

इस परियोजना की सफलता से यात्रियों को यात्रा में समय की बचत होगी, ट्रैफिक की समस्याएं कम होंगी और क्षेत्रीय विकास को बल मिलेगा। इसके अलावा, खेती, व्यापार और उद्योग की गतिविधियों में भी वृद्धि की उम्मीद की जा रही है।

यह गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो प्रदेश की आर्थिक समृद्धि और जनसुविधा को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

--Advertisement--