कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं. राज्यपाल के बाद अब कर्नाटक हाई कोर्ट ने भी कहा है कि मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण भूमि घोटाले की जांच होनी चाहिए. इस मामले में सिद्धारमैया और उनकी पत्नी आरोपी हैं. दोनों पर फर्जी दस्तावेज पेश कर मुआवजा लेने का आरोप है.
सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग!
कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले के बाद सिद्धारमैया का सीएम पद सवालों के घेरे में आ गया है. मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग की है. इस बीच सरकार के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा है कि इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता.
सिद्धारमैया के मामले में येदियुरप्पा जैसा पैटर्न
बीएस येदियुरप्पा 2011 में कर्नाटक के मुख्यमंत्री थे. अवैध खनन घोटाले में फंसे येदियुरप्पा पर कर्नाटक के दो वकीलों ने जमीन घोटाले का आरोप लगाया था. यह जमीन राजधानी बेंगलुरु के आसपास थी. दोनों वकीलों ने इसके लिए राज्यपाल और लोकायुक्त को पत्र लिखा।
जमानत खारिज कर दी गई
उस समय राज्यपाल कांग्रेस के हंसराज भारद्वाज थे। भारद्वाज ने तुरंत मामले पर मुकदमा चलाने और जांच की अनुमति दे दी. उनके फैसले पर भी सवाल उठाए गए. हालांकि, राज्यपाल की अनुमति मिलने के बाद लोकायुक्त ने येदियुरप्पा के खिलाफ कार्रवाई शुरू की और बाद में उनकी जमानत खारिज कर दी गई.
येदियुरप्पा राजनीतिक रूप से बैकफुट पर थे, उन्हें जेल जाने की नौबत आ गई थी. बीजेपी आलाकमान के अनुरोध पर उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. अक्टूबर 2011 में येदियुरप्पा ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया. वह करीब एक महीने तक जेल में रहे.
डिप्टी सीएम पद दिया गया
2023 में जब कांग्रेस ने कर्नाटक में सरकार बनाई तो सिद्धारमैया के साथ डीके शिवकुमार भी सीएम पद के दावेदार थे, लेकिन उन्हें डिप्टी सीएम का पद दिया गया। ऐसे में जिस तरह के राजनीतिक हालात कर्नाटक में बन रहे हैं, शिवकुमार की दावेदारी एक बार फिर सामने आ सकती है.
सीएम पद बरकरार रखना मुश्किल हो सकता है
हालांकि ये सब जांच एजेंसी की कार्रवाई पर तय होगा. अगर जांच एजेंसी सिद्धारमैया को गिरफ्तार करती है तो उनके लिए सीएम पद बरकरार रखना मुश्किल हो सकता है. हाई कोर्ट के फैसले पर सिद्धारमैया ने प्रतिक्रिया दी है. सिद्धारमैया ने कहा है कि वह जांच का सामना करने से नहीं हिचकिचाएंगे, वह विशेषज्ञों से बात करेंगे कि कानून के तहत ऐसी जांच की अनुमति है या नहीं.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नजर रहेगी
हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सिद्धारमैया सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं. उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में इस बात के संकेत भी दिए हैं. हाई कोर्ट ने आज दोपहर 2 बजे तक आदेश देने को कहा है. सिद्धारमैया का तर्क है कि राज्यपाल द्वारा जारी आदेश संविधान के दायरे से बाहर चले गए हैं. ऐसे आदेश नहीं दिये जा सकते.
सिद्धारमैया के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए
मुदा घोटाले में कैबिनेट की सिफारिश नहीं मिलने के बावजूद राज्यपाल ने सिद्धारमैया के खिलाफ जांच के आदेश दे दिये. मामला सुप्रीम कोर्ट में जाने से अब सबकी नजर वहीं होगी. अगर सिद्धारमैया को सर्वोच्च राहत नहीं मिली तो उनकी स्थिति संकट में पड़ जाएगी.
जांच एजेंसी की कार्रवाई तेज होगी
भ्रष्टाचार के मामले में कांग्रेस बैकफुट पर रहेगी. पार्टी अब भी इसे साजिश बता रही है. सिद्धारमैया के खिलाफ जांच एजेंसी की कार्रवाई तेज होगी. जमीन और पैसों से जुड़ा मामला है. ईडी भी कर सकती है एंट्री. अगर कर्नाटक के मुख्यमंत्री को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलती है तो सिद्धारमैया इस मामले में फ्रंटफुट पर आ सकते हैं.
MUDA घोटाले की गूंज कर्नाटक में सुनाई दी
मुदा घोटाले की गूंज इसी साल जुलाई में कर्नाटक में सुनाई दी थी. बीजेपी के आरोप के मुताबिक, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया की पत्नी ने मैसूर शहरी प्राधिकरण से मिले जमीन मुआवजे का गलत फायदा उठाया है.
कथित तौर पर, मैसूर शहरी प्राधिकरण उन लोगों को भूमि या मुआवजा लाभ प्रदान करता है जिनकी भूमि विकास के लिए ली गई है। सिद्धारमैया की पत्नी ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए 55.8 करोड़ रुपये की जमीन हासिल की.