नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए आठवें वेतन आयोग की घोषणा कर दी है। इस आयोग का गठन जल्द ही किया जाएगा। वेतन आयोग के सदस्य तय करेंगे कि केंद्रीय कर्मचारियों को कितना वेतन मिलेगा। कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि के साथ-साथ उन्हें मिलने वाले विभिन्न भत्तों की भी समीक्षा की जाएगी। यह आयोग निर्णय करेगा कि कौन से भत्ते शामिल किए जाएं और कौन से हटाए जाएं।
7वें वेतन आयोग का निर्णय और वेतन वृद्धि
7वें वेतन आयोग ने केंद्र सरकार से कर्मचारियों के वेतन में 2.57 फिटमेंट फैक्टर की बढ़ोतरी करने की सिफारिश की थी, जिसमें न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये और अधिकतम वेतन 2,25,000 रुपये था। इस आयोग ने कुल 196 भत्तों की समीक्षा की, जिनमें से केवल 95 को मंजूरी दी गई। जबकि 101 भत्ते समाप्त कर दिए गए या उन्हें किसी अन्य भत्ते के साथ जोड़ दिया गया।
7वें वेतन आयोग द्वारा हटाए गए कुछ प्रमुख भत्ते
7वें वेतन आयोग द्वारा हटाए गए भत्तों की सूची नीचे दी गई है।
दुर्घटना भत्ता – रिपोर्ट में शामिल नहीं है।
कार्यवाहक भत्ता – समाप्त कर दिया गया है, अब इसे अतिरिक्त पद भत्ते के अंतर्गत शामिल किया गया है।
एयर डिस्पैच वेतन समाप्त कर दिया गया है।
कॉल पायलट भत्ता – समाप्त कर दिया गया।
पारिवारिक भत्ता – समाप्त
ओवरटाइम भत्ता – समाप्त
साइकिल भत्ता – समाप्त कर दिया गया।
वस्त्र भत्ता – पोशाक भत्ते में शामिल
विशेष वैज्ञानिक वेतन – समाप्त
सुन्दरबन भत्ता – कठिन भत्ते में शामिल – 3
ऐसे कई भत्ते थे जिन्हें समाप्त कर दिया गया या अन्य भत्तों में शामिल कर दिया गया।
आठवें वेतन आयोग से क्या उम्मीदें हैं?
आठवें वेतन आयोग की शर्तों को अप्रैल 2025 तक अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। इसके बाद सरकार वेतन आयोग के सदस्यों और अध्यक्ष का चयन करेगी। नये वेतन आयोग को विभिन्न हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार करने में लगभग एक वर्ष का समय लग सकता है। हितधारकों में केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
अनुमान है कि आठवें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों के वेतन में 3.00 फिटमेंट फैक्टर के आधार पर वृद्धि हो सकती है, जिससे न्यूनतम मूल वेतन 26,000 रुपये तक हो सकता है। लेकिन अंतिम निर्णय आयोग की सिफारिशों और सरकार की मंजूरी पर निर्भर करेगा।