नई दिल्ली: बढ़ती टेक्नोलॉजी ने लोगों को कई इनोवेशन और बदलाव दिखाए हैं। ऐसे में AI एक ऐसी तकनीक बनकर उभरी है जो लोगों के साथ-साथ बड़ी कंपनियों की भी मदद करती दिख रही है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या AI का असर लोगों की नौकरियों पर भी पड़ेगा. इसका उत्तर एचपी के एक नए सर्वेक्षण में प्रस्तुत किया गया है।
मंगलवार को जारी एक नए एचपी सर्वेक्षण के अनुसार, दुनिया भर में अधिकांश कर्मचारी थकावट, भारी काम के बोझ और अत्यधिक तनाव से पीड़ित हैं, लेकिन कई लोग आशावादी हैं कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता इन समस्याओं को कम करने में मदद कर सकती है।
कार्यस्थल पर मनोबल की कमी
इसके अलावा, केवल 27 प्रतिशत श्रमिकों को लगता है कि काम के साथ उनका रिश्ता अच्छा है। यह कर्मचारियों और व्यवसायों के लिए एक जरूरी समस्या है, क्योंकि कोई भी कंपनी प्रेरित और लगे हुए कर्मचारियों के बिना लंबे समय तक सफल नहीं हो सकती है।