हरियाणा में चुनाव से पहले विधानसभा को बाधित करने की तैयारी क्यों? जानिए पूरा मामला

हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए 5 अक्टूबर को मतदान होना है। इसके लिए सभी पार्टियां प्रचार-प्रसार में जुटी हुई हैं. लेकिन इससे पहले राज्य की राजनीति से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आज शाम 5 बजे हरियाणा कैबिनेट की बैठक में विधानसभा भंग करने के फैसले पर मुहर लग सकती है. जानकारी के मुताबिक सीएम नायब सिंह सैनी इस्तीफा दे सकते हैं. कैबिनेट बैठक के बाद सीएम नायब सिंह सैनी राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात कर विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर सकते हैं. सूत्रों की मानें तो अगली सरकार बनने तक राज्यपाल उन्हें कार्यवाहक मुख्यमंत्री बनाएंगे.

जानिए सीएम सैनी क्यों भंग करेंगे विधानसभा?

हरियाणा विधानसभा का आखिरी सत्र 13 मार्च को बुलाया गया था. छह महीने में एक बार विधानसभा का सत्र बुलाना संवैधानिक तौर पर जरूरी है. इसलिए सरकार को 12 सितंबर तक सदन की बैठक बुलानी होगी. ऐसे में मुख्यमंत्री को इस संवैधानिक संकट से बचने के लिए राज्यपाल से विधानसभा भंग करने की सिफारिश करनी पड़ी है. विधान सभा के दो सत्रों के बीच छह माह से अधिक का अंतराल नहीं होना चाहिए।

जानिए क्या है संवैधानिक संकट

हरियाणा विधानसभा का पिछला सत्र 13 मार्च को बुलाया गया था, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विश्वास मत जीता था। छह महीने में एक बार विधानसभा का सत्र बुलाना संवैधानिक तौर पर जरूरी है. इसलिए सरकार को 12 सितंबर तक सदन की बैठक बुलानी होगी. संवैधानिक संकट से बचने के लिए मुख्यमंत्री को राज्यपाल से विधानसभा भंग करने की सिफारिश करनी पड़ती है। संविधान के अनुच्छेद 174 (1) में स्पष्ट उल्लेख है कि विधान सभा के दो सत्रों के बीच छह महीने से अधिक का अंतर नहीं होना चाहिए।

हरियाणा में 5 अक्टूबर को वोटिंग

बता दें कि हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए 5 अक्टूबर को मतदान होना है. राज्य में एक ही चरण में मतदान होगा. रिजल्ट 8 अक्टूबर को घोषित किया जाएगा. विधानसभा चुनाव के लिए लगभग सभी पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. सीएम नायब सिंह सैनी लाडवा विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी हैं.