नेपाल भूकंप: भूकंप के झटके बार-बार क्यों दर्ज किए जाते हैं?

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नेपाल में दो बार भूकंप के झटके महसूस किये गये। पहला झटका सुबह 3:14 बजे और दूसरा झटका सुबह 6:20 बजे महसूस किया गया। पहले भूकंप का केन्द्र बागलुंग से 40 किलोमीटर दूर म्याग्दी जिले में दर्ज किया गया। दूसरे भूकंप का केंद्र बिंदु खुखनी क्षेत्र में दर्ज किया गया। दो भूकंप के झटके दर्ज होने के बाद यहां किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।

 

भूकंप कितना शक्तिशाली था?

भारत के पड़ोसी देश नेपाल में जहां एक ओर राजनीतिक भूचाल आना जारी है, वहीं दूसरी ओर विभिन्न क्षेत्रों में दो हल्के भूकंप के झटके दर्ज किए गए। इस भूकंप में जान-माल की कोई हानि नहीं हुई। पहला झटका सुबह 3:14 बजे और दूसरा झटका सुबह 6:20 बजे महसूस किया गया। पहले भूकंप का केन्द्र बागलुंग से 40 किलोमीटर दूर म्याग्दी जिले में दर्ज किया गया। दूसरे भूकंप का केंद्र बिंदु खुखनी क्षेत्र में दर्ज किया गया।

इससे पहले भी भूकंप आया था।

इससे पहले 28 फरवरी को नेपाल में भूकंप की खबर आई थी। 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। इस झटके में क्षति के आंकड़े दर्ज किये गये। लोगों के घरों में पंखे, खिड़कियां और दरवाजे क्षतिग्रस्त हो गए। राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र ने पुष्टि की है कि भूकंप का केंद्र काठमांडू से लगभग 65 किलोमीटर पूर्व में सिंधुपालचौक जिले के भैरवकुंड में था। भूकंप स्थानीय समयानुसार सुबह 2:51 बजे आया, जिससे नेपाल के मध्य और पूर्वी क्षेत्रों में दहशत फैल गई।

नेपाल में भूकंप क्यों आते हैं?

नेपाल सर्वाधिक सक्रिय टेक्टोनिक क्षेत्र में स्थित है। जिससे देश भूकंप के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हो जाता है। यही कारण है कि देश में अक्सर भूकंप आते रहते हैं। हिमालयी देश में अब तक का सबसे घातक भूकंप 2015 में आया था, जब 7.8 तीव्रता के भूकंप में 9,000 से अधिक लोग मारे गए थे और 10 लाख से अधिक इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई थीं।

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