आज के डिजिटल युग में स्मार्टफोन हमारी दिनचर्या का अहम हिस्सा बन चुके हैं। लेकिन इनका अत्यधिक उपयोग, खासकर टॉयलेट में, आपके स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे पैदा कर सकता है। बाथरूम ऐसे स्थानों में से एक है जहां सबसे ज्यादा कीटाणु पाए जाते हैं। नल, दरवाजों की कुंडी, और टॉयलेट सीट पर अदृश्य बैक्टीरिया होते हैं, जो सीधे आपके स्मार्टफोन और फिर शरीर तक पहुंच सकते हैं।
आइए जानते हैं, टॉयलेट में स्मार्टफोन का उपयोग कैसे आपकी सेहत के लिए खतरनाक है और इससे बचने के उपाय।
1. जानलेवा जर्म्स और बैक्टीरिया का खतरा
टॉयलेट: बैक्टीरिया और जर्म्स का गढ़
- टॉयलेट में स्मार्टफोन का उपयोग करने से खतरनाक बैक्टीरिया फोन की स्क्रीन पर चिपक जाते हैं।
- यह बैक्टीरिया कब्ज, पेट दर्द, और यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
- फोन को हाथ की तरह धोया नहीं जा सकता, जिससे बैक्टीरिया लंबे समय तक फोन पर बने रहते हैं।
2. बैक्टीरिया का पूरे घर में फैलाव
फोन के जरिए संक्रमण का खतरा
- टॉयलेट में मोबाइल का इस्तेमाल करने के बाद, भले ही हाथ धो लें, लेकिन फोन पर लगे बैक्टीरिया साफ नहीं होते।
- यह बैक्टीरिया बेडरूम, किचन, डायनिंग रूम, और अन्य जगहों पर फैल सकते हैं।
- पूरा परिवार हानिकारक कीटाणुओं के संपर्क में आ सकता है।
3. पाचन संबंधी समस्याएं और डायरिया
खाने में बैक्टीरिया का प्रवेश
- टॉयलेट में स्मार्टफोन का उपयोग करने के बाद, यदि हाथ साफ न किए जाएं तो बैक्टीरिया भोजन के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।
- इससे डायरिया, पेट में सूजन, और अन्य पाचन समस्याएं हो सकती हैं।
- आंतों पर बैक्टीरिया का असर आपके पाचन तंत्र को कमजोर बना सकता है।
4. पाइल्स (बवासीर) का खतरा
टॉयलेट में देर तक बैठने का दुष्प्रभाव
- स्मार्टफोन इस्तेमाल करते हुए टॉयलेट में अधिक समय बिताने से पाइल्स (हेमोरॉयड्स) की समस्या हो सकती है।
- टॉयलेट सीट पर लंबे समय तक बैठे रहने से मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं।
- अनावश्यक दबाव डालने से पाचन तंत्र पर असर पड़ सकता है, जो पाइल्स का प्रमुख कारण है।
कैसे बचें इन समस्याओं से?
- टॉयलेट में मोबाइल न ले जाएं।
- सिर्फ हाथ ही नहीं, फोन को भी साफ करें।
- फोन को साफ करने के लिए एंटीबैक्टीरियल वाइप्स या अल्कोहल-बेस्ड क्लीनर का उपयोग करें।
- फूड हाइजीन का ध्यान रखें।
- हाथ धोने के बाद ही भोजन करें।
- पाचन को बेहतर बनाने के उपाय अपनाएं।
- फाइबर युक्त आहार लें।
- टॉयलेट में बैठने का समय कम रखें।
- साफ-सफाई की आदत डालें।
- नियमित रूप से बाथरूम की सफाई करें।