स्वार्थ सिद्धि योग: ज्योतिष शास्त्र में कई शुभ नक्षत्रों का उल्लेख किया गया है। सर्वार्थ सिद्धि योग भी इन्हीं में से एक माना जाता है। इसे बहुत ही शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस योग में किए गए सभी कार्य सफल माने जाते हैं। इस योग के शुभ प्रभाव से व्यक्ति को कार्यों में सफलता मिलती है और आर्थिक लाभ भी होता है। आइए जानते हैं सर्वार्थ सिद्धि योग कब बनता है और इसका क्या महत्व है।
सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, सर्वार्थ सिद्धि योग तब बनता है जब एक विशेष दिन पर एक विशेष नक्षत्र पड़ता है। वार और नक्षत्र के संयोग से सर्वार्थ सिद्धि योग बनता है। यह किसी भी कार्य के लिए शुभ माना जाता है। इस दौरान सभी ग्रह शुभ स्थिति में होते हैं और व्यक्ति को सफलता दिलाने में मदद करते हैं। इसलिए कोई भी शुभ कार्य सर्वार्थ सिद्धि योग में करना चाहिए।
नए काम की शुरुआत के लिए शुभ समय
नए काम की शुरुआत के लिए भी यह समय अच्छा माना जाता है। यह योग धन, सुख और समृद्धि प्राप्ति के लिए भी शुभ माना जाता है। यदि आप कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने की योजना बना रहे हैं तो यह योग अत्यंत उपयुक्त है। यदि आप कोई नई कला सीखना चाहते हैं तो यह योग शुभ है। इस योग के दौरान सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, आत्मविश्वास बढ़ता है।
सर्वार्थ सिद्धि योग इन कार्यों के लिए है लाभकारी
यह अवधि धार्मिक अनुष्ठान, पूजा, हवन आदि के लिए शुभ है। इस अवधि में पदोन्नति की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं। अगर आप किसी विवाद या मुकदमे में फंसे हैं तो यह योग आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। इस अवधि में विवाद सुलझने की संभावना बढ़ जाती है। सर्वार्थ सिद्धि योग नया व्यवसाय शुरू करने, नया घर या वाहन खरीदने, विवाह, शिक्षा, यात्रा आदि के लिए बहुत शुभ माना जाता है।