महाराष्ट्र चुनाव समाचार: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी महायुति गठबंधन ने मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार रखा है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को बयान जारी करते हुए साफ कर दिया है कि एकनाथ शिंदे अभी मुख्यमंत्री जरूर हैं, लेकिन नतीजों के बाद गठबंधन में शामिल तीनों दल नए सीएम का फैसला करेंगे.
महाराष्ट्र चुनाव में एनडीए ने किसी भी नेता को सीएम पद के लिए प्रचारित नहीं किया है, जिससे एकनाथ शिंदे की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है, लेकिन क्या असल में मुख्यमंत्री के चेहरे पर सस्पेंस पैदा करना बीजेपी की राजनीतिक रणनीति है या राजनीतिक साजिश?
इन वजहों से सीएम के चेहरे पर सस्पेंस!
2019 में बीजेपी और शिवसेना (यूबीटी) ने मिलकर चुनाव लड़ा और भारी बहुमत से सीटें जीतीं, लेकिन नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों पार्टियों के रिश्तों में खटास आ गई. बीजेपी से गठबंधन तोड़ने के बाद उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिला लिया और मुख्यमंत्री बन गए. उद्धव ठाकरे से राजनीतिक समझौता करने के लिए बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाकर शिवसेना को तीखा जवाब दिया. एनसीपी को दो हिस्सों में बांटने के बदले अजित पवार को डिप्टी सीएम का पद दिया गया था, लेकिन वह इस फॉर्मूले पर नहीं चलना चाहते. ऐसे में सीएम के चेहरे पर सस्पेंस बरकरार रखने की रणनीति अपनाई गई है.
एकनाथ शिंदे नहीं बनेंगे सीएम?
चुनाव घोषणापत्र की घोषणा करते हुए अमित शाह ने कहा कि फिलहाल हमारे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हैं, लेकिन नए मुख्यमंत्री पर फैसला चुनाव के बाद एनडीए के तीनों दलों- बीजेपी, शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी की बैठक में लिया जाएगा. बीजेपी ने साफ कर दिया है कि एकनाथ शिंदे सीएम का चेहरा नहीं हैं. ऐसे में बीजेपी चुनाव से पहले सीएम पद को लेकर कोई वादा नहीं करना चाहती, ताकि चुनाव के बाद यू-टर्न का रास्ता न मिले.
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक शिंदे को सीएम चेहरा बनाकर बीजेपी ओबीसी समुदाय के वोटों को नाराज नहीं करना चाहती है. आरक्षण आंदोलन के चलते मराठा बनाम ओबीसी और धनगर बनाम आदिवासी का मुद्दा पहले से ही गरमाया हुआ है. ऐसे में अगर किसी समुदाय का नेता मुख्यमंत्री का चेहरा उजागर करता है तो दूसरों के नाराज होने का डर रहता है. इसीलिए बीजेपी ने शिंदे के नाम से किनारा कर लिया है और चुनाव के बाद सीएम तय करने की बात कहकर सबको शांत रखने की कोशिश कर रही है.