मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले साल 5 अप्रैल को यह तापमान दर्ज किया गया था, लेकिन इस बार गंभीर हीटवेव की शुरुआत पहले ही हो गई।
“कभी-कभी मार्च में तापमान असामान्य रूप से बढ़ जाता है, लेकिन आम तौर पर यह स्थिति अप्रैल में बनती है।”
- दिल्ली का सफदरजंग शुक्रवार को 36.2°C दर्ज किया गया, जो सामान्य से 7.5 डिग्री अधिक था।
- शनिवार को बारिश के बाद दिल्ली का तापमान 33°C पर आ गया, लेकिन यह अभी भी सामान्य से 4.1 डिग्री ज्यादा है।
हीटवेव क्यों पड़ रही है इतनी जल्दी?
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मध्य भारत के ऊपर उच्च दबाव का क्षेत्र बना हुआ है, जिससे हवा गर्म हो रही है।
- आसमान साफ रहने के कारण सूर्य की किरणें सीधा धरती तक पहुंच रही हैं, जिससे ज़मीन तेजी से गर्म हो रही है।
- आंध्र प्रदेश और ओडिशा में इसका सबसे ज्यादा असर देखने को मिल रहा है।
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किन राज्यों में कब तक रहेगा हीटवेव का असर?
मौसम विभाग के मुताबिक:
- ओडिशा में 18 मार्च तक हीटवेव जारी रहने की संभावना।
- सौराष्ट्र में 17 मार्च तक हीटवेव का प्रभाव रहेगा।
- झारखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, विदर्भ और उत्तरी तेलंगाना में 16 मार्च से हीटवेव का असर दिखेगा।
इसके अलावा, इस साल जनवरी और फरवरी में भी रिकॉर्ड गर्मी देखी गई थी।
- फरवरी 2024 का अधिकतम तापमान 1901 के बाद सबसे ज्यादा दर्ज हुआ।
- विदर्भ और मध्य महाराष्ट्र में पारा 40 से 42°C के बीच पहुंच चुका है।
- सौराष्ट्र, कच्छ और तेलंगाना में भी 38 से 40°C तक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया है।
उत्तर भारत में भी बढ़ने लगी गर्मी
उत्तर भारत के कई हिस्सों में तापमान सामान्य से 5 डिग्री अधिक बना हुआ है।
- पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, झारखंड और ओडिशा में तापमान सामान्य से 3-5 डिग्री ज्यादा दर्ज किया गया।
- पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, पूर्वी मध्य प्रदेश, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र में उमस और गर्मी से लोग बेहाल हैं।
किन इलाकों में तापमान सामान्य से कम है?
कुछ हिस्सों में बारिश और बर्फबारी के कारण तापमान सामान्य से कम बना हुआ है।
- जम्मू-कश्मीर, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और माहे में तापमान सामान्य से करीब 5 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया गया।
आगे क्या होगा?
मौसम विभाग का कहना है कि अगर यही रुझान जारी रहा, तो इस साल गर्मी का सीजन रिकॉर्ड तोड़ सकता है।
- उत्तर और मध्य भारत में अप्रैल-मई में और अधिक गर्मी पड़ सकती है।
- पश्चिमी तटीय क्षेत्रों और दक्षिण भारत में उमस ज्यादा रहेगी।
- बारिश और बादलों की कमी के कारण हीटवेव जल्दी शुरू हो गई है और आने वाले दिनों में यह और तीव्र हो सकती है।
हीटवेव से बचने के लिए लोग ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं, दोपहर के समय धूप में निकलने से बचें और हल्के व आरामदायक कपड़े पहनें।