गर्मी का मौसम अपने साथ कई चुनौतियाँ लेकर आता है। इस मौसम में लोगों को शारीरिक स्वास्थ्य से लेकर त्वचा तक तमाम तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिन लोगों को कम पानी पीने की आदत होती है वे लू या डिहाइड्रेशन से सबसे ज्यादा परेशान रहते हैं। लेकिन त्वचा विशेषज्ञों के मुताबिक गर्मियों में त्वचा खराब होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
कॉस्मेटोलॉजिस्ट डॉ. मनीषा हनमशेत का कहना है कि गर्मी का मौसम त्वचा के लिए बहुत मुश्किल होता है। चेहरे पर पिंपल्स, लालिमा या त्वचा छिलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसका कारण एलर्जी भी हो सकता है. त्वचा विशेषज्ञ डॉ. मनीषा का कहना है कि 89 फीसदी लोगों को पता ही नहीं होता कि वे त्वचा की छोटी-मोटी समस्याओं से जूझ रहे हैं। गर्मी का सबसे ज्यादा असर हमारी त्वचा पर ही देखने को मिलता है।
हो सकती हैं ये त्वचा संबंधी समस्याएं
घमौरियां: आपके पसीने की नलिकाओं में रुकावट और सूजन के कारण।
खुजली: पानी में क्लोरीन के कारण
सनबर्न: त्वचा के सीधे सूर्य के संपर्क में आने से होता है।
मुंहासों का होना: पसीना, शरीर की गर्मी और जलवायु परिवर्तन के कारण
मेलास्मा: गैस की लौ और धूप के कारण त्वचा में जलन।
क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए ?
श्रीबालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ सलाहकार और त्वचा विशेषज्ञ डॉ. विजय सिंघल का कहना है कि आमतौर पर गर्मी के मौसम में त्वचा शुष्क नहीं होती है। अधिक पसीना आने के कारण त्वचा थोड़ी तैलीय रहती है। लेकिन इस मौसम में कम पानी पीने या बहुत ज्यादा ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने से त्वचा रूखी हो सकती है। ऐसे में त्वचा पर लालिमा, पपड़ी या चकत्ते हो सकते हैं। इससे बचने के लिए गर्मियों में अधिक पानी पिएं, इससे त्वचा हाइड्रेट रहती है। पसीना आने पर केमिकल गंध वाले टिश्यू पेपर का प्रयोग न करें।
इसके अलावा, एसपीएफ 50+ वाला सनस्क्रीन लगाएं और रोजाना धूप में निकलने से पहले अपना चेहरा ढक लें। अपने आहार में विटामिन ई और सी युक्त चीजें शामिल करें। अगर आप गर्मियों में कहीं बाहर जा रहे हैं तो अपने साथ टोपी या छाता लेकर जाएं। गर्मी के दिनों में नहाने के बाद हमेशा मॉइस्चराइजर लगाएं, इससे आपकी त्वचा मुलायम रहेगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि चेहरे पर साबुन का प्रयोग न करें।
विशेषज्ञ इस बात से भी इनकार नहीं करते हैं कि चेहरे को छीलने से न केवल शुष्क त्वचा बल्कि त्वचा संबंधी अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। ऐसी स्थिति में त्वचा विशेषज्ञ से जरूर मिलें।