वंदे ने भारत ट्रेन पर पत्थर क्यों फेंका? आरोपियों से पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ

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यूपी के वाराणसी में वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव की घटना के पीछे के खुलासे चौंकाने वाले हैं। यूपी एटीएस की जांच में पता चला कि पत्थरबाजों का मकसद सिर्फ ट्रेन की खिड़कियां तोड़ना और ट्रेन की रफ्तार धीमी करना था. फिर वे खिड़की के किनारे बैठे यात्रियों के मोबाइल फोन चुराने की योजना बनाते हैं। इस मामले में आरोपी हुसैन उर्फ ​​शाहिद को चंदौली के मुगलसराय इलाके से गिरफ्तार किया गया. उससे पूछताछ में ये बातें सामने आई हैं. 

मालूम हो कि 2 अक्टूबर 2024 को वाराणसी से दिल्ली जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस पर कानपुर के पनकी स्टेशन के पास पथराव की घटना हुई थी. ट्रेन के सी7 कोच की खिड़की का शीशा टूट गया और कई यात्री डर के मारे अपनी सीटों पर दुबक गए। इस मामले में आरपीएफ ओनेकी और जीआरपी कंट्रोल प्रयागराज को सूचना दी गई। इसके बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। 

चौंकाने वाला खुलासा
वाराणसी की एटीएस यूनिट ने इस मामले में जांच शुरू की और आरोपी हुसैन उर्फ ​​शाहिद को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में उसने बताया कि पथराव का मूल मकसद ट्रेन की गति कम करना था, ताकि खिड़कियों के पास बैठे यात्रियों के मोबाइल फोन आसानी से छीने जा सकें. इस साजिश ने सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए हैं. 

यहां बता दें कि वंदे भारत ट्रेन पर पथराव की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं. कानपुर के अलावा इटावा में भी ऐसी घटनाएं सामने आईं. इन घटनाओं ने रेलवे और सुरक्षा बलों के लिए चुनौती खड़ी कर दी. घटना के बाद रेलवे प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है और वंदे भारत एक्सप्रेस रूट पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और सतर्कता बरती जा रही है. आरपीएफ और जीआरपी की संयुक्त टीमें यात्रियों की सुरक्षा पर नजर रख रही हैं। पुलिस की पांच टीमें भी मामले की जांच कर रही हैं और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं. इस साजिश के खुलासे के बाद यात्रियों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.