US Politics : खतरे में अमेरिकी सरकारी कर्मचारियों का करियर ,सरकारी बंदी से गहराया संकट, ट्रंप प्रशासन ने क्यों बनाया ये कठोर प्लान?

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News India Live, Digital Desk: US Politics :  अमेरिका की राजनीति से जुड़ी एक अहम ख़बर सामने आ रही है, जिसने हजारों सरकारी कर्मचारियों की नींद उड़ा दी है. ट्रंप प्रशासन ने एक ऐसे प्लान पर काम शुरू कर दिया है, जिसके तहत सरकारी कामकाज ठप (गवर्नमेंट शटडाउन) होने की स्थिति में, गैर-ज़रूरी विभागों के लाखों संघीय कर्मचारियों को निकाल दिया जा सकता है. यह योजना मौजूदा सरकारी बंदी की पृष्ठभूमि में सामने आई है, और इसका मक़सद सरकार के आकार को छोटा करना है, चाहे इससे सरकारी सेवाओं और लाखों लोगों के रोजगार पर कितना भी असर क्यों न पड़े.

इस प्रस्ताव के तहत, केवल उन संघीय कर्मचारियों को ही अपनी नौकरी पर बने रहने की अनुमति दी जाएगी जिनके काम को सरकार के सबसे महत्वपूर्ण मिशनों के लिए 'अति-आवश्यक' माना जाता है. इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा, कानून प्रवर्तन, और कुछ आपातकालीन सेवाओं से जुड़े कर्मचारी शामिल हो सकते हैं. बाकी के गैर-ज़रूरी समझे जाने वाले विभागों के कर्मचारी या तो अनिश्चितकालीन छुट्टी पर भेजे जा सकते हैं, या उनकी नौकरी हमेशा के लिए खत्म भी की जा सकती है.

इस खबर ने सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों के बीच डर और अनिश्चितता का माहौल बना दिया है. ऐसे कई कर्मचारी हैं जो हर महीने वेतन न मिलने के बावजूद अपने काम पर बने रहने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन अब 'छंटनी' का डर उन्हें सता रहा है. विपक्ष और कई ट्रेड यूनियन इस योजना की कड़ी आलोचना कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह न केवल कर्मचारियों के साथ अन्याय है, बल्कि इससे देश की संघीय सेवाओं की गुणवत्ता और क्षमता पर भी गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. वे इसे सरकार को अस्थिर करने वाला कदम बता रहे हैं.

हालांकि, ट्रंप प्रशासन के समर्थकों का तर्क है कि ये कदम सरकारी खर्च को कम करने और दक्षता बढ़ाने के लिए ज़रूरी हैं. उनका मानना है कि सरकार में अनावश्यक कर्मचारियों की संख्या बहुत ज्यादा है और उन्हें हटाने से करदाताओं के पैसे बचेंगे. इस बीच, वाशिंगटन में राजनीतिक गतिरोध जारी है, और जब तक बजट को लेकर कोई समझौता नहीं हो जाता, तब तक सरकारी शटडाउन जारी रहेगा. ऐसे में देखना होगा कि ट्रंप प्रशासन का यह प्लान किस हद तक लागू होता है और इसके दूरगामी परिणाम क्या होते हैं, खासकर अमेरिकी अर्थव्यवस्था और सरकारी कर्मचारियों के मनोबल पर.

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