ना AC, ना पावर स्टीयरिंग... फिर भी क्यों कहलाती थी यह 'सड़कों का राजा'?

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आज जब हम चमचमाती, तेज रफ़्तार और फीचर्स से भरी गाड़ियाँ देखते हैं, तो एक पल को यकीन नहीं होता कि एक ज़माना उस गाड़ी का भी था जो दिखने में भारी-भरकम थी, चलने में धीमी थी और जिसके दरवाज़े बंद करने के लिए पूरी ताकत लगानी पड़ती थी। हम बात कर रहे हैं 'द हिंदुस्तान एम्बेसडर' की - एक ऐसी गाड़ी, जो सिर्फ लोहा-लक्कड़ नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों की यादों का एक हिस्सा है।

यह वह गाड़ी थी जिसे देखकर ही पता चल जाता था कि अंदर कोई बड़ा सरकारी अफसर या मंत्री जी बैठे हैं। लाल बत्ती वाली एम्बेसडर का रौब ऐसा था कि आज की महंगी से महंगी SUV भी उसकी बराबरी नहीं कर सकती। यह सिर्फ एक गाड़ी नहीं, बल्कि ताकत और रुतबे की पहचान थी।

क्यों थी यह हर भारतीय के दिल के करीब?

1. सड़क का चलता-फिरता टैंक:
एम्बेसडर की सबसे बड़ी खासियत थी उसकी मज़बूती। इसकी बॉडी इतनी ठोस और वज़नदार होती थी कि छोटी-मोटी टक्कर का तो इस पर कोई असर ही नहीं होता था। लोग मज़ाक में कहते थे कि यह गाड़ी नहीं, सड़क का टैंक है। इसी वजह से लोग इसमें सफर करते हुए खुद को बहुत सुरक्षित महसूस करते थे।

2. घर का सोफा:
अंदर की जगह की बात ही कुछ और थी। इसकी सीटें किसी सोफे से कम नहीं थीं, जिन पर पूरा परिवार आराम से फ़ैलकर बैठ जाता था। आज की गाड़ियों की तरह घुटन महसूस नहीं होती थी। बच्चों के खेलने के लिए और सामान रखने के लिए इतनी जगह होती थी, जितनी आज किसी गाड़ी में कल्पना भी नहीं की जा सकती।

3. देश के किसी भी कोने में ठीक हो जाने का भरोसा:
एम्बेसडर की सबसे बड़ी ताकतों में से एक थी इसकी सादगी। इसका इंजन इतना सरल था कि इसे देश के किसी भी गाँव या कस्बे का मैकेनिक आँखों पर पट्टी बांधकर भी ठीक कर सकता था। इसके पार्ट्स हर जगह आसानी से मिल जाते थे, जिस वजह से यह पहाड़ों से लेकर रेगिस्तान तक, हर भारतीय रास्ते का सच्चा साथी थी।

एक युग का अंत

समय बदला, नई टेक्नोलॉजी आई और एम्बेसडर इस रेस में धीरे-धीरे पिछड़ती चली गई। यह भारी थी, माइलेज कम देती थी और आधुनिक फीचर्स के मामले में इसका कोई मुकाबला नहीं था। लेकिन इन सब कमियों के बावजूद, आज भी जब कोई पुरानी एम्बेसडर सड़क पर दिख जाती है, तो नज़रें एक पल के लिए ठहर ज़रूर जाती हैं।

यह हमें उस दौर की याद दिलाती है जब गाड़ियाँ सिर्फ मशीन नहीं, बल्कि परिवार का हिस्सा हुआ करती थीं। एम्बेसडर सिर्फ एक कार नहीं, एक एहसास है, जो हमेशा भारतीयों के दिलों में ज़िंदा रहेगा।

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