जयपुर, 20 सितंबर (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने विद्या संबल योजना में गेस्ट फैकल्टी टीचर्स को नियुक्ति के बाद में भी नियुक्ति पत्र जारी नहीं करने को गंभीरता से लिया है। अदालत ने कहा ऐसे कई मामले आ रहे हैं, जिनमें नियुक्ति के बाद गेस्ट फैकल्टी टीचर्स को नियुक्ति पत्र जारी नहीं किए गए हैं। वहीं मामले में सरकारी वकील भी अदालत को इस संबंध में स्पष्ट जानकारी नहीं दे पा रहे हैं। ऐसे में कॉलेज शिक्षा आयुक्त 27 सितंबर तक शपथ पत्र दायर कर इस संबंध में अपना स्पष्टीकरण पेश करें। जस्टिस महेन्द्र गोयल ने यह आदेश नमिता गोयल की याचिका पर दिए।
याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने बताया कि याचिकाकर्ता बयाना के कॉलेज में कई सालों से गेस्ट फैकल्टी पर टीचर का कार्य कर रही है। इसके बाद 2022-23 के शैक्षणिक सत्र में उसे नियुक्ति नहीं दी गई तो यह मामला हाईकोर्ट आया। अगस्त 2023 में अदालत ने विभाग को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ताओं को नियुक्ति में वरीयता दें। याचिका में कहा गया कि सत्र 2023-24 में भर्ती नहीं ली गई। वहीं जब सत्र 2024-25 में याचिकाकर्ता ने बयाना कॉलेज में गेस्ट फैकल्टी के तहत नियुक्ति के लिए आवेदन किया तो उसे नियुक्ति में वरीयता नहीं दी गई। उसकी जगह पर नए अभ्यर्थी को गेस्ट फैकल्टी पद पर नियुक्त किया। याचिकाकर्ता की ओर से संबंधित कॉलेज में आरटीआई दायर कर इस संबंध में सूचना मांगी गई, लेकिन उसका भी जवाब नहीं दिया गया। जबकि नियमानुसार याचिकाकर्ता को विद्या संबल योजना के तहत नियुक्ति दी जानी चाहिए थी। इसलिए उसे योजना के तहत उसे नियुक्ति देकर नियुक्ति पत्र जारी करने के निर्देश दिए जाए।