शहीद सेना जवान पेंशन: देश की सेना में सेवा करते हुए शहीद हुए जवानों के परिवार में किसे मिलेगी पेंशन? शहीद जवान की पेंशन पर किसका हक? कांग्रेस सांसद इमरान मसूद के इसी सवाल का जवाब केंद्र सरकार ने शुक्रवार को संसद में दिया. सरकार ने कहा कि हम इस मामले पर विचार कर रहे हैं कि पेंशन को शहीद की पत्नी और माता-पिता के बीच बांटा जाए.
रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि पारिवारिक पेंशन को माता-पिता और पत्नी के बीच बांटने का प्रस्ताव मिला है, जिस पर विचार किया जा रहा है.
सेना की ओर से प्रस्ताव भेजा गया था
रक्षा मंत्री ने कहा कि जानकारी मिली है कि सेना ने इस विषय पर रक्षा मंत्रालय को एक प्रस्ताव भी भेजा है. उन्होंने कहा कि शहीद जवानों के माता-पिता ने आर्थिक मदद के लिए कानून में संशोधन की मांग की है.
आपको बता दें कि नियमों के मुताबिक ग्रेच्युटी, भविष्य निधि, बीमा और अनुग्रह राशि शहीद सैनिक के नामांकन या वसीयत के अनुसार दी जाती है. लेकिन वैवाहिक मामले में शहीद की पत्नी को पेंशन राशि दी जाती है और अविवाहित शहीद के माता-पिता को पेंशन राशि दी जाती है।
यह मुद्दा क्यों उठा?
शहीद जवानों की पत्नी या माता-पिता में से पेंशन का अधिकार किसे मिलना चाहिए, इस मुद्दे पर अभी चर्चा चल रही है। पिछले कुछ वर्षों में शहीदों के परिवारों की ओर से यह शिकायत आती रही है कि पत्नी को शहीद पेंशन समेत कई सुविधाएं मिलने से माता-पिता बेसहारा हो जाते हैं. इसके अलावा कई मामलों में पत्नियों के साथ अभद्रता, घर से बाहर निकालने या घर में ही दोबारा शादी करने के लिए मजबूर करने की शिकायतें भी सामने आई हैं।
इस मामले में पहले से ही अंतहीन दर्द झेल रहे माता-पिता या जीवनसाथी के लिए भावनात्मक समर्थन के अलावा वित्तीय सहायता की भी आवश्यकता है। यही कारण है कि हाल के दिनों में इस मुद्दे ने लोगों का ध्यान खींचा है।