दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को मिली ऐतिहासिक जीत के बाद राजधानी के अगले मुख्यमंत्री को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। 8 फरवरी को घोषित नतीजों में भाजपा ने 70 में से 48 सीटें जीतकर 27 साल बाद सत्ता में वापसी की, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और वह 62 से घटकर 22 सीटों पर सिमट गई। अब सबकी नजर इस बात पर है कि दिल्ली का नया मुख्यमंत्री कौन होगा? इस रेस में कई नाम सामने आ रहे हैं।
क्या दिल्ली को पहली महिला मुख्यमंत्री मिलेगी?
भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, अगर पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व महिला मुख्यमंत्री बनाने का फैसला करता है, तो शालीमार बाग से विधायक रेखा गुप्ता सबसे मजबूत दावेदार हो सकती हैं। वे भाजपा की महिला शाखा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं, जिससे उनकी दावेदारी और मजबूत मानी जा रही है।
इसके अलावा ग्रेटर कैलाश से विधायक शिखा रॉय भी सीएम पद की दौड़ में शामिल हो सकती हैं। उन्होंने AAP के बड़े नेता सौरभ भारद्वाज को शिकस्त दी है, जिससे उनकी सियासी पकड़ मजबूत हुई है।
अनुभवी नेताओं पर भी विचार
अगर भाजपा नेतृत्व अनुभवी चेहरों को प्राथमिकता देता है, तो इन नामों पर विचार किया जा सकता है:
- विजेंद्र गुप्ता – तीन बार रोहिणी से विधायक रह चुके हैं।
- अभय वर्मा – लक्ष्मी नगर से पूर्वांचली समुदाय के मजबूत नेता हैं।
- सतीश उपाध्याय – मालवीय नगर से विधायक और संगठन में गहरी पकड़ रखते हैं।
- आशीष सूद – गोवा भाजपा इकाई के प्रभारी और जनकपुरी से विधायक।
- पवन शर्मा – असम में भाजपा संगठन के सह प्रभारी और उत्तम नगर से विधायक।
इनमें से कोई भी अनुभवी नेता दिल्ली का मुख्यमंत्री बन सकता है, लेकिन अंतिम फैसला शीर्ष नेतृत्व करेगा।
कपिल मिश्रा और प्रवेश वर्मा भी रेस में
करावल नगर सीट से विजयी कपिल मिश्रा, जो पहले आप के मंत्री रह चुके हैं, अब भाजपा में बड़ी पहचान बना चुके हैं। वे अपनी बेबाक बयानबाजी और आक्रामक शैली के लिए जाने जाते हैं।
वहीं, नई दिल्ली सीट से आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा का नाम भी चर्चा में है। उन्हें “जायंट किलर” कहा जा रहा है, क्योंकि उन्होंने मुख्यमंत्री को चुनाव में हराकर इतिहास रच दिया।
दलित मुख्यमंत्री की संभावना?
भाजपा दलित समुदाय से भी मुख्यमंत्री चुनने पर विचार कर रही है, ताकि सामाजिक समीकरणों को साधा जा सके। इस रेस में दो नाम प्रमुख हैं:
- अजय महावर – घोंडा से विधायक और मजबूत दलित नेता।
- जितेंद्र महाजन – पूर्वी दिल्ली से भाजपा विधायक और संगठन में प्रभावशाली।
अगर भाजपा दलित मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लेती है, तो इनमें से किसी एक नाम पर मुहर लग सकती है।
विधानसभा अध्यक्ष कौन होगा?
मुख्यमंत्री के साथ-साथ दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए भी कई नाम चर्चा में हैं। भाजपा इस पद के लिए अनुभवी नेता को चुन सकती है। संभावित नामों में शामिल हैं:
- मोहन सिंह बिष्ट – मुस्तफाबाद से विधायक।
- ओपी शर्मा – विश्वासनगर से विधायक।
- सतीश उपाध्याय – भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता।
आखिरी फैसला भाजपा आलाकमान ही करेगा, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष का पद किसी अनुभवी नेता को ही सौंपे जाने की संभावना है।
PM मोदी के लौटने के बाद होगा फैसला
पार्टी के सूत्रों के अनुसार, दिल्ली के मुख्यमंत्री का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 14-15 फरवरी को भारत वापसी के बाद ही तय होगा। अभी वे फ्रांस और अमेरिका के दौरे पर हैं, इसलिए अंतिम फैसला उनके लौटने के बाद होगा।
फिलहाल, भाजपा ने अपने विधायकों को निर्देश दिया है कि वे स्थानीय मतदाताओं से मिलें और आभार व्यक्त करें। सरकार गठन की प्रक्रिया में अभी थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन अगले मुख्यमंत्री के नाम को लेकर चर्चाएं लगातार तेज हो रही हैं।
अब देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली को नई सरकार का नेतृत्व कौन करेगा—कोई अनुभवी नेता, युवा चेहरा, महिला मुख्यमंत्री, या दलित समुदाय से कोई बड़ा नाम?