BH सीरीज नंबर प्लेट: किसे दी जाती है वाहन में BH नंबर प्लेट और क्या हैं इसके फायदे, जानें यहां

BH सीरीज नंबर प्लेट: भारत में जब आप किसी नए राज्य या शहर में जाते हैं, तो आपको अक्सर अपने वाहन को नई जगह पर फिर से पंजीकृत कराना पड़ता है और यह प्रक्रिया निश्चित रूप से थोड़ी परेशानी वाली होती है। हालांकि, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कुछ समय पहले एक समाधान लेकर आया था। भारत सीरीज नंबर प्लेट, जिसे BH नंबर प्लेट के नाम से भी जाना जाता है। इसे साल 2021 में लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य उन व्यक्तियों के लिए वाहन पंजीकरण को आसान बनाना है जो अक्सर काम के लिए स्थानांतरित होते रहते हैं। ऐसे में यहां हम BH नंबर प्लेट के लाभ, पात्रता मानदंड और अन्य विवरणों के बारे में जानेंगे।

बीएच नंबर प्लेट एक यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ आती है। यह पूरे भारत में एक व्यक्तिगत वाहन को दी जाती है। इससे वाहन मालिक एक राज्य से दूसरे राज्य में उसी रजिस्ट्रेशन नंबर से जा सकते हैं। इसके अलावा, बीएच नंबर प्लेट होना बीमा के लिहाज से भी सुविधाजनक है। क्योंकि, इससे गाड़ी का बीमा अप्रभावित रहता है। इसके प्रारूप की बात करें तो इसमें पंजीकरण का वर्ष (YY), फिर बीएच (भारत सीरीज), फिर 4 अंकों का पंजीकरण नंबर और फिर XX होता है। यह वाहन की श्रेणी को दर्शाता है। उदाहरण के लिए, आप 22BH 9999AA देख सकते हैं।

जहां तक ​​राज्य रजिस्ट्रेशन नंबर की बात है तो अगर आप अपनी जगह बदलते हैं तो आपको नए राज्य में जाने के 12 महीने के अंदर वाहन का रजिस्ट्रेशन बदलवाना होगा। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप सड़क नियमों का उल्लंघन कर सकते हैं। इसके चलते आपका कार इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट हो सकता है। बीमा कंपनी सड़क नियमों का पालन न करने की वजह से कार इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट कर सकती है। हालांकि, बीएच नंबर के साथ आपको यह परेशानी नहीं होती है। क्योंकि, एक जगह से दूसरी जगह जाने पर आपको वाहन का रजिस्ट्रेशन नहीं बदलना पड़ता है। ऐसे में आपको कार इंश्योरेंस कवरेज या क्लेम वैलिडिटी को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है।

बीएच सीरीज नंबर प्लेट के लिए कौन पात्र है और मानदंड क्या हैं?

  • राज्य एवं केन्द्र सरकार के कर्मचारी।
  • रक्षा कार्मिक।
  • बैंक कर्मचारी.
  • प्रशासनिक सेवा के कर्मचारी।
  • पांच से अधिक राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यालय वाली निजी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी।
  • वाहन के पास प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र भी होना चाहिए।
  • वाहन के लिए सड़क कर का भुगतान करना होगा।
  • यह केवल गैर-परिवहन वाहनों के लिए लागू है।
  • भारत सीरीज नंबर प्लेट के लाभ:
  • यह नंबर प्लेट पूरे देश में मान्य है।
  • एक राज्य से दूसरे राज्य में जाते समय वाहन को पुनः पंजीकृत कराने की आवश्यकता नहीं है।

बीएच सीरीज नंबर प्लेट के लिए पंजीकरण कैसे करें:

  • इसके लिए आप खुद MoRTH के Vahan पोर्टल पर लॉगइन कर सकते हैं या फिर किसी अधिकृत ऑटोमोबाइल डीलर की मदद ले सकते हैं।
  • यदि आप किसी ऑटोमोबाइल डीलर की मदद लेते हैं तो वाहन पोर्टल पर फॉर्म 20 भरें।
  • पात्र निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को फॉर्म 60 भरना होगा। उन्हें कार्य प्रमाण पत्र के साथ रोजगार आईडी भी दिखाना होगा।
  • इसके बाद अधिकारी वाहन मालिक की पात्रता का सत्यापन करते हैं।
  • इसके बाद आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे।
  • इसके बाद बीएच नंबर के लिए आरटीओ से मंजूरी मिलने के बाद आवश्यक मोटर वाहन कर का भुगतान करना होता है।
  • इसके बाद VAHAN पोर्टल आपके वाहन के लिए BH सीरीज पंजीकरण तैयार करता है।