कौन हैं अजय राय? दो हार के बावजूद कांग्रेस उन्हें पीएम मोदी के खिलाफ मैदान में उतार रही

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लोकसभा चुनाव 2024: कांग्रेस ने शनिवार को प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को वाराणसी लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया. वह लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. अजय राय का नाम पहले से ही तय माना जा रहा था. वह 2014 और 2019 में भी चुनाव लड़ चुके हैं. दोनों चुनावों में वह तीसरे स्थान पर रहे थे. प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी ने जो जिम्मेदारी दी है, उसे पूरी मेहनत से निभाऊंगा. इस बार चुनाव में नतीजे अलग होंगे और मुझे विश्वास है कि बनारस की जनता मुझे आशीर्वाद देगी.’

अजय राय तीसरी बार पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे

2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के दावेदार और उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ अजय राय को मैदान में उतारा था. आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल भी चुनाव लड़े और दूसरे स्थान पर रहे. अजय राय तीसरे स्थान पर रहे। 2019 के चुनाव में भी अजय राय तीसरे स्थान पर रहे थे. उस चुनाव में सपा की शालिनी यादव दूसरे स्थान पर रहीं। तब सपा और बसपा के बीच गठबंधन हुआ था. अब एक बार फिर कांग्रेस ने अजय राय को अपना उम्मीदवार बनाया है. इस बार कांग्रेस का सपा से गठबंधन है.

अजय राय बीजेपी से विधायक रह चुके हैं

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बीजेपी से की थी. 1996 से 2007 तक वह लगातार तीन बार बीजेपी के टिकट पर विधायक रहे. साल 2009 में उन्होंने पार्टी से लोकसभा का टिकट मांगा. टिकट नहीं मिलने पर वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए और 2009 में यहां सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन जीत नहीं सके। वर्ष 2009 में ही उन्होंने पिंडरा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उपचुनाव लड़ा और जीत हासिल की। फिर साल 2012 में अजय राय कांग्रेस में शामिल हो गए और पिंडरा सीट से जीत हासिल की.

कई आपराधिक मामले दर्ज किये गये

अजय राय पर कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं. 2015 में अजय राय को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया था. साल 2021 में इस आपराधिक मामले के चलते उनके चार हथियार लाइसेंस निलंबित कर दिए गए.

वाराणसी सीट कुर्मी और वैश्य बाहुल्य है

जातीय समीकरण की बात करें तो कुर्मी समुदाय के मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. रोहनिया और सेवापुरी में कुर्मी समुदाय के मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है. इसके अलावा ब्राह्मण और भूमिहारों की संख्या भी अच्छी है. यहां तीन लाख से ज्यादा गैर-यादव ओबीसी, दो लाख से ज्यादा कुर्मी और सिर्फ दो लाख वैश्य और करीब ढाई लाख भूमिहार वोटर हैं. यहां एक लाख यादव और करीब एक लाख अनुसूचित जाति के मतदाता हैं.

भूमिहार वोटरों से बीजेपी की अपील

बीजेपी को पहले से ही पता था कि अजय राय वाराणसी संसदीय सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे. इसी वजह से पार्टी ने भूमिहार वोटरों को आकर्षित करने के लिए पहले से ही तैयारी कर ली थी. हाल ही में धर्मेंद्र सिंह को एमएलसी बनाया गया है. धर्मेंद्र भूमिहार समुदाय से आते हैं। शहर के उत्तरी विधानसभा क्षेत्र में रहते हैं. सुरेंद्र नारायण सिंह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चुनाव समन्वयक बनाया गया है. वह भी भूमिहार समुदाय से आते हैं। रोहनिया विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं. 2014 के चुनाव में वाराणसी सीट से बीजेपी उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को करीब छह लाख वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर रहे अरविंद केजरीवाल को करीब दो लाख वोट मिले. 2019 के चुनाव में नरेंद्र मोदी की जीत बहुत बड़ी थी. 

कांग्रेस की चौथी लिस्ट में 46 उम्मीदवारों के नाम

कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए 46 उम्मीदवारों की सूची की घोषणा कर दी है. बता दें कि कांग्रेस ने पहली सूची में 39, दूसरी सूची में 43 और तीसरी सूची में 57 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था. इस तरह कांग्रेस अब तक 185 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है. मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह को राजगढ़ से टिकट दिया गया है. वहीं वाराणसी में पीएम मोदी के सामने अजय राय को मैदान में उतारा गया है.