AAP की सबसे बड़ी ताकत और बीजेपी की ‘एकमात्र’ कमजोरी! केजरीवाल के सामने कौन है? पढ़िए इस बार किस तरह का मुकाबला

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दिल्ली पॉलिटिक्स: दिल्ली में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी और अमित शाह पर निशाना साधा. दिलचस्प बात यह है कि जब अरविंद केजरीवाल कोई मुद्दा उठाते हैं तो उसका जवाब या तो बीजेपी प्रवक्ता या फिर बीजेपी की आईटी सेल की ओर से दिया जाता है.

दिल्ली बीजेपी का कोई भी ऐसा नेता नहीं है जिसे केजरीवाल का प्रतिद्वंद्वी कहा जा सके. दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर किस चेहरे की घोषणा करनी चाहिए और बीजेपी की ये दुविधा ही अरविंद केजरीवाल की ताकत है क्योंकि उनके पास उन्हें चुनौती देने के लिए कोई चेहरा नहीं है.

2013 के बाद से बीजेपी दिल्ली में अरविंद केजरीवाल से ज्यादा मजबूत चेहरा नहीं उतार पाई है. 2015 में किरण बेदी को बाहर से मुख्यमंत्री बनाकर एक प्रयोग किया गया था, लेकिन वह सिर्फ 3 विधानसभा सीटें ही जीत सकीं और फिर किरण बेदी भी चुनाव हार गईं.

2020 का चुनाव बीजेपी ने बिना चेहरे के लड़ा. जब बीजेपी ऐसे चुनाव लड़ती है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसका चेहरा होते हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी ने किसी भी चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार की घोषणा नहीं की थी.

हरियाणा में चुनाव को ध्यान में रखते हुए नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया, लेकिन एक रणनीति के तहत बीजेपी के कई नेताओं के बयान भी आए हैं कि वे भी दावेदार हैं. महाराष्ट्र में बीजेपी नेता अमित शाह पहले ही कह चुके हैं कि एकनाथ शिंदे ‘मौजूदा’ मुख्यमंत्री हैं और आप समझ सकते हैं कि उनका मतलब क्या है.

जम्मू-कश्मीर और झारखंड की बात करें तो वहां ऐसा करने का कोई मतलब नहीं था. जम्मू-कश्मीर में रविंदर रैना और झारखंड में बाबूलाल मरांडी को मोर्चे पर तैनात किया गया लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बनाया गया.