अडानी ग्रुप ने अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SEC) और न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले द्वारा दायर दीवानी और आपराधिक मामलों के संदर्भ में अन्य प्रमुख अमेरिकी कानूनी फर्मों, किर्कलैंड एंड एलिस और क्विन इमैनुएल उर्कहार्ट एंड सुलिवन एलएलपी को अपनी कानूनी टीम में शामिल किया है। ये दोनों फर्म दुनिया की सबसे बड़ी मुकदमेबाजी फर्मों में से एक मानी जाती हैं।
अमेरिकी अधिकारियों ने 21 नवंबर को गौतम अडानी और अन्य पर भारतीय सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर से अधिक की कथित रिश्वत देने के मामले में आरोप लगाए थे, जिसका उद्देश्य अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) को सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) से सौर ऊर्जा के ठेके दिलवाना था।
अडानी ग्रीन एनर्जी ने नवंबर में स्पष्ट किया था कि ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और वरिष्ठ कार्यकारी विनीत एस जैन पर अमेरिकी विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (FCPA) के उल्लंघन और रिश्वतखोरी के आरोप नहीं लगाए गए हैं। इसके अलावा, इन मामलों को अमेरिकी अदालत में एकल न्यायाधीश के पास भेजा गया है, जो अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग और न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले द्वारा चलाए जा रहे दीवानी और आपराधिक मामलों की सुनवाई करेगा।
आरोपों की सूची
Azure Power के पूर्व कार्यकारी रंजीत गुप्ता और रूपेश अग्रवाल पर FCPA का उल्लंघन करने की साजिश का आरोप है, जिसमें भारतीय सरकारी अनुबंधों को हासिल करने के लिए रिश्वतखोरी की योजनाएं शामिल हैं। कनाडाई संस्थागत निवेशक CDPQ से जुड़े सिरिल कैबनेस, सौरभ अग्रवाल और दीपक मल्होत्रा पर न्याय में बाधा डालने की साजिश का आरोप है, जिसमें सबूतों को नष्ट करना, बदलना और जांच के दौरान महत्वपूर्ण जानकारी को रोकना शामिल है।
दुनिया की सबसे बड़ी फर्म
अडानी ग्रुप, उनके अधिकारी और कानूनी फर्म क्विन इमैनुएल और किर्कलैंड एंड एलिस ने मीडिया से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। क्विन इमैनुएल एक लॉस एंजिल्स स्थित फर्म है, जिसे दुनिया की सबसे बड़ी फर्म माना जाता है, जो पूरी तरह से व्यावसायिक मुकदमेबाजी और मध्यस्थता के लिए समर्पित है।
88% मामलों में जीत
क्विन इमैनुएल का दावा है कि इसके वकीलों ने 2,300 से अधिक मामलों का निपटारा किया है, जिसमें से 88% मामलों में उन्हें सफलता मिली है। इस फर्म ने 70 बिलियन डॉलर से अधिक के फैसले और समझौते जीते हैं। यह वाणिज्यिक मुकदमेबाजी, बौद्धिक संपदा, अविश्वास, प्रतिभूतियों और सफेदपोश आपराधिक बचाव जैसे जटिल विवादों में विशेषज्ञता रखती है।
किर्कलैंड एंड एलिस की भूमिका
किर्कलैंड एंड एलिस का मुख्यालय शिकागो में स्थित है और यह एशिया और यूरोप सहित दुनिया भर के 21 शहरों में कार्यरत है। इस फर्म ने Apple, Google और Facebook जैसी प्रमुख टेक कंपनियों का केस लड़ा है। इसके अलावा, जॉनसन एंड जॉनसन और वोक्सवैगन जैसी कंपनियों के पर्यावरण और उत्पाद दायित्व मामलों में भी यह फर्म शामिल रही है।