गुजरात पर दोहरी आफत... भारी बारिश के बाद ठंड का पहला दौर कब शुरू होगा?
दिसंबर की शुरुआत में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। जबकि 22 दिसंबर से देश के उत्तरी पहाड़ी इलाकों में भारी बर्फबारी के कारण कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना रहेगी। उत्तरायण के बाद भी शीतलहर का प्रकोप जारी रहेगा। आमतौर पर उत्तरायण के बाद ठंड कम हो जाती है, लेकिन इस बार कड़ाके की ठंड पड़ेगी। मौसम विभाग ने 9 अक्टूबर को सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के कुछ हिस्सों में बारिश की संभावना जताई है। राज्य के किसी भी जिले में भारी बारिश का अलर्ट नहीं है। इसलिए, 10 अक्टूबर को बारिश की तीव्रता कम होती दिख रही है। 10 अक्टूबर को सिर्फ आठ जिलों में हल्की बारिश हो सकती है।

अहमदाबाद मौसम विभाग केंद्र के निदेशक ए.के. दास ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून की प्रस्थान रेखा वेरावल, भरूच, झांसी, उज्जैन और शाहजहांपुर के ऊपर से गुजर रही है। अगले तीन-चार दिनों के दौरान राज्य के अन्य हिस्सों, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के प्रस्थान के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हैं। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, मध्य गुजरात में छिटपुट बारिश हो रही है। आज सुबह से कई जिलों में बारिश की बौछारें पड़ी हैं। सौराष्ट्र के तट पर 40 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। सौराष्ट्र के देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, कच्छ में बारिश का अनुमान जताया गया है।

मौसम विभाग ने अगले सात दिनों तक बारिश की संभावना जताई है। राज्य में अगले तीन दिनों तक बारिश का मौसम रहेगा। गुजरात में चक्रवात का प्रभाव कम हो सकता है। अरब सागर में सक्रिय हुआ 'शक्ति' चक्रवात अब धीमा और कमजोर हो रहा है और जल्द ही एक गहरे दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो जाएगा। यह प्रणाली पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में भी सक्रिय हो गई है। अरब सागर में सक्रिय शक्ति चक्रवात अब कमजोर हो गया है। चक्रवात शक्ति द्वारका-नलिया से 900 किमी दूर है। यह एक चक्रवात से एक अवसाद में बदल जाएगा, इस चक्रवात के प्रभाव से दक्षिण गुजरात, सौराष्ट्र-कच्छ में हल्की बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, यह चक्रवात 10 अक्टूबर तक गुजरात में बारिश का कारण बन सकता है।

एहतियात के तौर पर अलर्ट है कि तट पर 40 से 50 किमी/घंटा की रफ्तार से हवा चलेगी और इसलिए मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। अगले तीन-चार दिनों में राज्य के अन्य जिलों से भी मानसून विदा हो सकता है। तट पर डीसी-1 सिग्नल लगा दिया गया है। मध्य प्रदेश की सीमा से लगे कुछ इलाकों और उत्तरी गुजरात में भी छिटपुट बौछारें पड़ सकती हैं। सौराष्ट्र के देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, कच्छ में बारिश का अनुमान जताया गया है। बंगाल की खाड़ी से नमी और पश्चिमी विक्षोभ के चलते गुजरात में बारिश हो सकती है। मानसून की विदाई के बीच राज्य में एक बार फिर बारिश का मौसम देखने को मिला है।

पूर्वी उत्तर प्रदेश, उत्तर-पूर्वी बिहार और असम के ऊपरी वायु क्षेत्र में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इसके प्रभाव से पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 8 अक्टूबर तक बारिश होगी। 8 तारीख को राज्य के कई हिस्सों में बारिश की संभावना है। इसका प्रभाव विशेष रूप से कच्छ के तटीय तालुकाओं (कांडला, मांडवी, मुंद्रा, गांधीधाम, नलिया) और सौराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों (द्वारका, जामनगर, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, जूनागढ़) में देखा जा सकता है। इन क्षेत्रों में मध्यम से भारी वर्षा की संभावना है। बंगाल की खाड़ी और पश्चिमी विक्षोभ से नमी आने के कारण गुजरात में बारिश हो सकती है।
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