जब PM मोदी ने कहा- "ये भारत की सबसे असाधारण आवाज़ों में से एक थे"
भारत में कुछ आवाज़ें ऐसी होती हैं जो सिर्फ गीत नहीं गातीं, बल्कि एक पूरे समाज, एक ज़मीन और एक दौर की कहानी बयां करती हैं। डॉक्टर भूपेन हजारिका की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को एक ऐसी ही शक्तिशाली और अमर आवाज़ की याद दिलाई।
एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि में, प्रधानमंत्री ने हजारिका जी को "बहुमुखी प्रतिभा का धनी" बताया और उन्हें भारत की अब तक की सबसे असाधारण आवाज़ों में से एक कहकर सम्मान दिया। उन्होंने कहा कि भूपेन हजारिका का संगीत सिर्फ़ धुन नहीं था; यह एक ऐसी ताकत थी जो समाज के हर वर्ग के लोगों के दिलों में गहराई तक उतरती थी और मानवता और सद्भाव के संदेशों से सभी को जोड़ती थी।
तो आखिर कौन थे "ब्रह्मपुत्र की आवाज़" कहे जाने वाले यह दिग्गज?
जो लोग उन्हें नहीं जानते, उन्हें बता दें कि डॉक्टर भूपेन हजारिका सिर्फ एक गायक से कहीं बढ़कर थे। वे एक सच्ची सांस्कृतिक शख़्सियत थे - एक कवि, संगीतकार, फिल्म निर्माता और लेखक, जिनके काम ने असम और पूरे भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को एक नई पहचान दी। उनके गीतों में अक्सर एक गहरा सामाजिक संदेश छिपा होता था, जो आम इंसान के प्यार, दर्द और संघर्ष की कहानी कहते थे। उनकी दमदार आवाज़ एक ही पल में व्यक्तिगत भी लगती थी और सार्वभौमिक भी।
कला के क्षेत्र में उनका योगदान इतना विशाल था कि उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न, से सम्मानित किया गया।
प्रधानमंत्री मोदी की यह श्रद्धांजलि एक याद दिलाती है कि भले ही डॉक्टर हजारिका आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी। उनकी आवाज़ आज भी भारत के दिलों में उसी तरह बहती है, जैसे शक्तिशाली ब्रह्मपुत्र नदी, जिसे वे बहुत प्यार करते थे और जिसका वे प्रतिनिधित्व करते थे।
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