इंदौर में मोतियाबिंद सर्जरी के बाद मरीजों की आंखों में संक्रमण हुआ तो उन्होंने जांच शुरू कराई

मध्य प्रदेश में इंदौर के परमार्थ अस्पताल में मोतियाबिंद सर्जरी के बाद आठ मरीजों की आंखों पर दुष्प्रभाव की खबर मिलने के बाद प्रशासन ने ऑपरेशन थियेटर को सील कर दिया है और जांच शुरू कर दी है. स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. जिला अंधत्व नियंत्रण सोसायटी प्रबंधक डाॅ. प्रदीप गोयल ने बताया कि चोइथराम नेत्रालय में राष्ट्रीय अंधता नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 20 मार्च को सरकारी खर्चे पर 79 मरीजों की मोतियाबिंद सर्जरी की गई.

तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है

इस संबंध में प्रबंधक ने बताया कि ऑपरेशन के बाद इनमें से आठ मरीजों की आंखों पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव की जानकारी अस्पताल प्रबंधन द्वारा स्वास्थ्य विभाग को दी गयी और अस्पताल के उस ऑपरेशन थियेटर को भी बंद कर दिया गया, जहां इन मरीजों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया था. सील कर दिया गया. उन्होंने कहा कि प्रशासन ने इन मरीजों की आंखों पर दुष्प्रभाव के कारणों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसने अपना काम शुरू कर दिया है. गोयल ने आगे कहा, ‘फिलहाल यह कहना बहुत मुश्किल है कि मोतियाबिंद की सर्जरी कराने वाले आठ मरीजों की आंखों की रोशनी कम हुई है या नहीं। जांच पूरी होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।

अस्पताल स्तर पर कोई लापरवाही नहीं हुई

चोइथराम नेत्रालय चलाने वाले स्थानीय ट्रस्ट की प्रबंध समिति की सदस्य अशिनी वर्मा ने दावा किया कि मोतियाबिंद ऑपरेशन शिविर में अस्पताल स्तर पर कोई लापरवाही नहीं हुई. उन्होंने बताया कि शिविर में भाग लेने वाले आठ मरीजों की आंखों में अज्ञात कारणों से रिएक्शन हुआ और सभी मरीजों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. वर्मा ने बताया कि ये मरीज पश्चिमी मध्य प्रदेश के इंदौर संभाग के विभिन्न जिलों के रहने वाले हैं.