क्रिकेट में गेंदें कितने प्रकार की होती हैं? यह नियम कब से लागू हुआ

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क्रिकेट की दुनिया में नो बॉल फेंकना अपराध करने के बराबर है। कई बार ये गलती पूरे मैच का रुख बदल देती है और मैच का नतीजा पूरी तरह बदल देती है. हालांकि, दुनिया में ऐसे कई गेंदबाज हैं जिन्होंने अपने पूरे क्रिकेट करियर में एक भी नो बॉल नहीं फेंकी है। लेकिन, कई गेंदबाज ऐसे भी हैं जिन्होंने अहम मैचों में गलत समय पर नो बॉल फेंकी और टीम को हार की ओर धकेल दिया.

क्रिकेट में नो बॉल क्या है?

क्रिकेट में नो बॉल वह गेंद होती है जिसकी अनुमति नहीं है और यह किसी नियम का उल्लंघन करती है। इसीलिए यदि कोई गेंदबाज नियमों का उल्लंघन करते हुए गेंद फेंकता है, तो इसे नो बॉल घोषित कर दिया जाता है और बल्लेबाजी करने वाली टीम को 1 अतिरिक्त रन दिया जाता है। ये रन बल्लेबाज के खाते में नहीं बल्कि टीम के खाते में जुड़ते हैं. वहीं, गेंदबाज को अतिरिक्त रन देने के साथ-साथ अतिरिक्त गेंदें फेंककर भी भरपाई करनी होती है।

कौन सी गेंद नो बॉल मानी जाती है?

नो बॉल कई प्रकार की होती है. सामान्य घटनाओं में गेंदबाज का पैर गेंद की लाइन को पार करना, फुलटॉस गेंद का बल्लेबाज की कमर से ऊपर होना, गेंद बल्लेबाज तक पहुंचने से पहले दो विकेट लेना, या गेंदबाज का स्टंप पर लगना या क्षेत्ररक्षक द्वारा मैदान पर बाधा उत्पन्न करना, ये सभी शामिल हैं। जिसे नो बॉल घोषित कर दिया जाता है

नो बॉल पर अतिरिक्त रन देने का नियम

90 के दशक से पहले नो बॉल पर अतिरिक्त रन नहीं दिए जाते थे. तब बल्लेबाज नो बॉल पर चौका मारकर 4 या 6 रन ही बना सका. उस समय नो बॉल पर विकेट न देने का चलन था, लेकिन 90 के दशक में नो बॉल पर अतिरिक्त रन देने का नियम भी बना।

यह नियम कब से लागू किया गया है

आईसीसी ने 2015 में नो बॉल पर एक और कठोर फैसला लिया. तब से लेकर अब तक नो बॉल पर फ्री हिट का नियम जारी है. यह वनडे और टी20 क्रिकेट में लागू होता है. नो बॉल पर बल्लेबाजी करने वाली टीम को एक अतिरिक्त रन मिलता है और बल्लेबाज को आउट नहीं किया जा सकता। फ्री हिट के लिए गेंदबाज को एक अतिरिक्त गेंद फेंकनी पड़ती है, इस गेंद पर भी कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर बल्लेबाज का विकेट नहीं गिरता है। इन दोनों गेंदों पर बल्लेबाज खुलकर बल्लेबाजी कर सकता है.