नकली पानी की बोतल: उत्तर प्रदेश के बागपत से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। वहां के डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह को पीने के लिए ‘बिसलेरी’ पानी की बोतल की जगह ‘बिलसेरी’ पानी की बोतल दी गई. यह देख जिलाधिकारी हैरान रह गये. जिसके बाद डीएम ने बागपत में नकली पेयजल और खाद्य उत्पाद बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई की.
‘बागपत जिला संपूर्ण समाधान दिवस’ के बाद डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह और पुलिस क्षेत्राधिकारी अर्पित विजयवर्गीय जिला पुलिस चौकी पहुंचे। फिर जिला पदाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी के सामने टेबल पर पानी की बोतल दी गयी. यह बिसलेरी कंपनी की नहीं बल्कि बिल्सेरी की पानी की बोतल थी। इस पर फूड लाइसेंस नंबर नहीं लिखा था।
यह मूल ब्रांड की पूरी नकल और अवैध साबित हो रहा था। जिलाधिकारी ने तुरंत खाद्य सुरक्षा विभाग को थाने बुलाया और पानी की शुद्धता की जांच करने का आदेश दिया. सहायक खाद्य सुरक्षा आयुक्त मानवेंद्र सिंह ने निवाड़ा पुलिस चौकी से बिलसेरी नामक पानी के संबंध में जानकारी ली, जहां से पानी की बोतलें ली गई थीं। जिसमें संबंधित पुलिस ने कहा कि ‘यह गौरीपुर की एक दुकान से खरीदा गया है.’
2,663 बोतलों पर बुलडोज़र चलाया गया
बोतल के लेबल पर हरे रंग में नाम छिपा हुआ था. जिसे आम जनता को गुमराह कर असली ब्रांड के नाम पर बेचा जा रहा था। जिस पर खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने पानी का नमूना एकत्र कर प्रयोगशाला भेज दिया। साथ ही घटनास्थल पर मिली 2,663 बोतलों को बुलडोजर चलाकर तुरंत नष्ट कर दिया गया. साथ ही गोदाम के पास लाइसेंस नहीं होने के कारण नामदार कोर्ट में चालान दायर किया गया और गोदाम को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया, जिसे लाइसेंस प्राप्त करने के बाद ही संचालित करने का आदेश दिया गया.
हरियाणा से आपूर्ति की गई
पूछताछ में भीम सिंह को पता चला कि हरियाणा से नकली ब्रांड की पानी की बोतलें बागपत जिले की अन्य दुकानों पर सप्लाई की जा रही हैं। संबंधित जिला पदाधिकारी को टीम गठित कर कार्रवाई का आदेश दिया गया है. मूल ब्रांड नाम के तहत कोई भी नकली खाद्य और पेय पदार्थ आम जनता को नहीं बेचा जाएगा और इन्हें बेचते हुए पकड़े जाने पर किसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले में डीएम ने क्या कहा?
डीएम ने यह भी आदेश दिया है कि थोक में पुरानी सब्जियां बेचने वाले और चटनी में रंग मिलाकर बेचने वाले होटलों को चिह्नित किया जाए और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. स्थिति को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग को जिले में संचालित ऐसे सभी प्रतिष्ठानों की जांच करने का आदेश दिया है जो ब्रांडेड उत्पादों की नकल कर नकली सामान बेच रहे हैं. संबंधित जिला अधिकारी ने कहा कि ‘नकली उत्पादों की बिक्री न केवल उपभोक्ताओं के साथ धोखा है बल्कि यह उनके स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ है. ऐसे मामले में सख्त कार्रवाई की गई है, ताकि बाजार से नकली सामान की बिक्री रोकी जा सके.’