एक महीने तक चावल नहीं खाने से सेहत पर क्या होगा असर, विशेषज्ञों ने दूर किया भ्रम..!

चावल पूरे देश में अधिकांश लोगों का मुख्य भोजन है। कई लोग तो इसके इतने शौकीन होते हैं कि इसे खाए बिना उनका मन नहीं भरता. इसलिए उन्हें दिन में कम से कम एक बार चावल जरूर खाना चाहिए। यह स्वाद और सेहत से भरपूर है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इसका ज्यादा सेवन सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है. दरअसल, चावल कार्बोहाइड्रेट, स्टार्च और कई अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसलिए अधिक चावल खाने से रक्त शर्करा का स्तर और वजन दोनों बढ़ सकता है। हालाँकि, ऐसा नहीं है कि चावल खाना एकदम बंद कर देना चाहिए। लेकिन, यहां सवाल ये है कि अगर आप एक महीने तक चावल नहीं खाएंगे तो इससे आपकी सेहत पर क्या असर पड़ेगा? आइए जानते हैं इसके बारे में-

एक निजी चैनल को बालाजी एक्सॉन मेडिकल इंस्टीट्यूट की आहार विशेषज्ञ प्रिया वर्मा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, जब आप एक महीने तक चावल नहीं खाते हैं, तो कैलोरी की कमी के कारण शरीर का वजन कम हो सकता है। इसके अलावा कार्बोहाइड्रेट का सेवन न करने से ब्लड शुगर लेवल भी नियंत्रण में रहता है।

वजन कम होना शुरू हो जाएगा 

विशेषज्ञों के मुताबिक, एक महीने तक बिना चावल के रहने से वजन जरूर कम हो सकता है। लेकिन सावधान रहें कि चावल की जगह कोई भी ऐसा भोजन न लें जो समान मात्रा में कैलोरी प्रदान करता हो। उन्होंने यह भी बताया कि ‘चावल खाना छोड़ने के एक महीने बाद ही ब्लड शुगर लेवल कम हो जाएगा या दोबारा चावल खाना शुरू करने पर ग्लूकोज लेवल बढ़ना शुरू हो जाएगा. हालांकि, कम मात्रा में चावल खाने से शरीर को कोई नुकसान नहीं होगा।

पोषक तत्वों की कमी होगी 

विशेषज्ञों के मुताबिक, चावल छोड़ने से इसमें पाए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट के कारण विटामिन बी समेत कई पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। हालाँकि यह व्यक्ति दर व्यक्ति अलग-अलग हो सकता है। ऐसे में एक महीने तक सफेद चावल न खाने से शरीर में कई पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जिससे कमजोरी, सुस्ती और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

कब्ज़ की शिकायत

चावल भी फाइबर के सबसे अच्छे स्रोतों में से एक है। ऐसे में इसके सेवन से पाचन क्रिया बेहतर होती है। इसके अलावा, चावल के बिना कब्ज, गैस और सूजन जैसी पाचन समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।

अनुभवी सलाह

चावल हमारे खान-पान का अहम हिस्सा है। इसके बिना हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जिसमें कुपोषण, कमजोरी और पाचन संबंधी समस्याएं शामिल हैं। इसलिए हमें अपनी आवश्यकता के अनुसार चावल की मात्रा तय करनी चाहिए।