Hormonal Imbalance : PCOD और PCOS में क्या है अंतर? मां बनने से पहले ज़रूर समझ लें ये खास बातें

Post

News India Live, Digital Desk: Hormonal Imbalance : महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी दो ऐसी स्थितियां हैं, जिनके बारे में अक्सर भ्रम रहता है – PCOD (पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज) और PCOS (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम). ये दोनों ही हार्मोनल असंतुलन से जुड़ी हैं और मासिक धर्म चक्र को प्रभावित करती हैं, लेकिन इनके बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं जिन्हें समझना बेहद ज़रूरी है, खासकर उन महिलाओं के लिए जो मां बनने की योजना बना रही हैं.

PCOD (पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज) क्या है?

PCOD एक ऐसी स्थिति है जहाँ अंडाशय (ओवरी) बड़ी संख्या में अपरिपक्व अंडे (immature eggs) जारी करते हैं. ये अंडे छोटे सिस्ट (गांठों) में बदल जाते हैं. इस स्थिति में अक्सर हार्मोनल असंतुलन होता है, जिसमें एण्ड्रोजन (पुरुष हार्मोन) का स्तर बढ़ जाता है. यह अपेक्षाकृत एक सामान्य स्थिति है और आमतौर पर जीवनशैली में बदलाव, व्यायाम और सही खान-पान से इसे नियंत्रित किया जा सकता है. इसमें हर महिला को बांझपन का सामना करना पड़े, ऐसा ज़रूरी नहीं.

PCOS (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) क्या है?

PCOS PCOD का एक ज़्यादा गंभीर रूप है और यह एक 'सिंड्रोम' है, जिसका मतलब है कि यह लक्षणों का एक जटिल समूह है. PCOS में हार्मोनल असंतुलन ज़्यादा होता है, जिससे अंडाशय पर सिस्ट बन जाते हैं और अंडे ठीक से परिपक्व नहीं हो पाते या ओव्यूलेशन (अंडाशय से अंडा रिलीज़ होना) नहीं हो पाता. इसके लक्षणों में अनियमित मासिक धर्म, शरीर पर ज़्यादा बाल (हर्सुटिज़्म), मुंहासे, वज़न बढ़ना और बांझपन शामिल हैं. PCOS एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर भी है, जिससे आगे चलकर डायबिटीज और हृदय रोगों का खतरा बढ़ सकता है.

PCOD और PCOS में मुख्य अंतर:

  1. गंभीरता: PCOD एक सामान्य समस्या है, जबकि PCOS ज़्यादा गंभीर और जटिल मेटाबॉलिक सिंड्रोम है.
  2. प्रभाव: PCOD में ओवरी सिर्फ अपरिपक्व अंडे जारी करती है, जबकि PCOS में ओवरी पर सिस्ट बनते हैं और ओव्यूलेशन अनियमित या अनुपस्थित होता है.
  3. कारण: PCOD मुख्य रूप से हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है, जबकि PCOS एक एंडोक्राइन सिस्टम डिसऑर्डर है जिसमें इंसुलिन रेजिस्टेंस भी एक बड़ी भूमिका निभाता है.
  4. बांझपन: PCOD वाली सभी महिलाएं बांझपन का अनुभव नहीं करतीं और कई बार वे आसानी से गर्भवती हो सकती हैं. वहीं, PCOS वाली महिलाओं को गर्भवती होने में अक्सर ज़्यादा मुश्किल होती है, क्योंकि इसमें ओव्यूलेशन नियमित नहीं होता.

मां बनने से पहले क्यों जानना ज़रूरी?

मां बनने की ख्वाहिश रखने वाली महिलाओं के लिए PCOD और PCOS का अंतर जानना बेहद ज़रूरी है.

  • सही इलाज: सही निदान से ही सही इलाज हो पाता है. PCOD और PCOS के इलाज के तरीके अलग-अलग हो सकते हैं.
  • फर्टिलिटी पर असर: PCOS में ओव्यूलेशन अनियमित होने के कारण गर्भधारण में मुश्किलें आ सकती हैं, जिसके लिए डॉक्टर की सलाह और विशेष उपचार की ज़रूरत होती है.
  • जीवनशैली में बदलाव: दोनों ही स्थितियों में जीवनशैली में बदलाव (आहार, व्यायाम) महत्वपूर्ण हैं, लेकिन PCOS में यह और भी ज़्यादा अहम हो जाता है.

इसलिए, अगर आपको मासिक धर्म से जुड़ी कोई भी अनियमितता या लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और सही जानकारी प्राप्त करें. यह आपके स्वास्थ्य और भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.

--Advertisement--