किस कलर की पहने हो? मीम्स देखने के साथ-साथ जानें अंडरवियर का इतिहास, कहां बना था पहला कच्छा?

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आजकल सोशल मीडिया पर एक रील खूब वायरल हो रही है, जिसमें एक महिला की आवाज़ में यह पूछा जा रहा है, “बता दो… आज किस कलर की चड्ढी पहने हो? आज चड्ढी नहीं पहने हो ना?” यह सवाल और इसके साथ के मीम्स पिछले कुछ महीनों से इंस्टाग्राम पर ट्रेंड कर रहे हैं। अब सवाल उठता है, क्या आप जानते हैं कि अंडरवियर का इतिहास क्या है, और इसे पहले कहां और कब पहना गया था?

इंस्टाग्राम पर वायरल रील

सोशल मीडिया पर रील्स का एक दौर चल पड़ा है और हर दिन कोई न कोई रील वायरल होती रहती है। इस वक्त जो रील सबसे ज्यादा वायरल हो रही है, वह है “आज किस कलर की चड्ढी पहने हो?” यह रील बीते दो महीनों से लोगों के बीच छाई हुई है। महिला की कामुक आवाज़ के कारण इसे और भी ज्यादा पसंद किया जा रहा है। इस रील में लोग अपनी विभिन्न प्रतिक्रियाएं और वीडियो बना रहे हैं, और यह अभी भी इंस्टाग्राम पर लाखों बार देखी जा रही है।

अंडरवियर की शुरुआत: एक इतिहास

लेकिन क्या आप जानते हैं कि अंडरवियर की शुरुआत कब और कैसे हुई थी? रिपोर्ट्स के अनुसार, अंडरवियर की शुरुआत मध्यकाल में हुई थी। उस समय पुरुषों ने लिनन (रेशमी कपड़े) से बने शॉर्ट्स पहनने शुरू किए थे, जिन्हें ‘ब्रेज़’ कहा जाता था। हालांकि, उस समय महिलाएं आमतौर पर कपड़ा ही बांधती थीं, और उन्हें विशेष अंडरवियर की कोई ज़रूरत महसूस नहीं होती थी।

महिलाओं का अंडरवियर इस्तेमाल
महिलाओं ने अंडरवियर का इस्तेमाल 19वीं सदी में शुरू किया था। उस समय महिलाएं एक कपड़ा पहनती थीं जिसे वे अपनी ड्रेस के नीचे पहनती थीं, इसे ‘शिफ्ट’ कहा जाता था। वहीं, 16वीं सदी में महिलाओं ने व्हेलबोन से बने कोर्सेट पहनने शुरू कर दिए थे, जो उन्हें सख्त और नियंत्रित रूप में रखता था।

19वीं सदी में अंडरवियर का विस्तार

19वीं सदी में अंडरवियर का चलन काफी बढ़ गया और इस दौरान कई तरह के अंडरवियर डिजाइन किए गए। इस समय तक योद्धाओं के लिए खास अंडरवियर बनाए गए थे, जो उन्हें लड़ाई के दौरान सहारा देते थे। इसके अलावा, चमड़े के अंडरवियर भी डिजाइन किए गए थे और विभिन्न प्रयोग किए गए थे।

लेकिन सबसे बड़ा बदलाव 19वीं सदी के अंत में हुआ, जब महिलाओं के अंडरवियर में बड़ा परिवर्तन आया। शुरुआती दिनों में महिलाओं का अंडरवियर दोनों पैरों के बीच से खुला हुआ था, लेकिन इसके बाद ‘निकर्स’ ने इसका स्थान लिया, जो पूरी तरह से बंद होते थे। इस दौर में अंडरवियर की साइज में भी कमी आई, और इसका डिजाइन अधिक आरामदायक बन गया।

1950s और बाद का दौर: बिकिनी ब्रीफ्स का आगमन

1950 के दशक तक महिलाओं ने बिकिनी ब्रीफ्स का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था। इसके साथ ही पुरुषों के अंडरपैंट्स भी छोटे और आरामदायक बनने लगे थे। इस समय के बाद से अंडरवियर के डिजाइन में और बदलाव होते गए, और यह अब फैशन और आराम का भी हिस्सा बन गया।