दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है। एक तरफ भारी बारिश हो रही है तो दूसरी तरफ जबरदस्त ठंड पड़ रही है. पिछले कई दिनों से शीतलहर, बारिश, बर्फबारी और कोहरे का प्रकोप जारी है। जिससे न सिर्फ लोग ठंड से बेहाल हैं बल्कि पारा भी लगातार माइनस में जा रहा है. मध्य प्रदेश के 5 शहरों में कल न्यूनतम तापमान 4 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया. पचमढ़ी में 1.6 डिग्री और शहडोल में 2 डिग्री तापमान रहा, जिससे लोग कांप उठे।
राजस्थान के करौली में सबसे कम तापमान
राजस्थान के करौली में सबसे कम तापमान 1.3 डिग्री दर्ज किया गया. पंजाब के फरीदकोट में तापमान 0 डिग्री रहा. हरियाणा के हिसार जिले में तापमान 1.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. जम्मू-कश्मीर में अब शीतलहर चल रही है, जिसके कारण श्रीनगर में न्यूनतम तापमान -5.3 डिग्री दर्ज किया गया। डल झील, नदियाँ, झरने सब जम गये हैं। बारामूला जिले के तंगमर्ग में 30 मीटर ऊंचा द्रंग झरना भी जम गया है। मौसम विभाग ने 23 दिसंबर तक अगले 5 दिनों के लिए मौसम अपडेट की घोषणा की है. आइए जानते हैं देश में कैसा रहेगा मौसम?
इन राज्यों में बरसेंगे बादल
मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है. इसके कारण चक्रवाती परिसंचरण मध्य उष्ण कटिबंध तक फैला हुआ है। अगले 2 दिनों में इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर तमिलनाडु तट की ओर बढ़ने की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ मध्य और ऊपरी उष्णकटिबंधीय पश्चिमी हवाओं के साथ सक्रिय है। इस ताजा पश्चिमी विक्षोभ के पश्चिमी हिमालय क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना है। इसके प्रभाव से दक्षिण भारत के राज्यों में 50 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश, ओडिशा में आज, कल और अगले दिन भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। माहे, यानम, रायलसीमा में भी हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
इन राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ेगी
मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 5 दिनों तक 23 दिसंबर तक हिमाचल प्रदेश, पंजाब, पूर्वी राजस्थान, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, पश्चिम राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना में गंभीर से बहुत गंभीर शीत लहर चल सकती है। पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, असम, मेघालय, पूर्वी राजस्थान में सुबह और शाम को घना कोहरा छा सकता है। हिमाचल प्रदेश और पंजाब के अलग-अलग इलाकों में ज़मीन पर पाला पड़ने की संभावना है।