तुलसी माला पहनना: इन जगहों पर तुलसी माला पहनकर न जाएं

तुलसी माला पहनना: हिंदू धर्म में तुलसी कंठी माला पहनने का बहुत महत्व है, साथ ही कंठी माला पहनने के कई फायदे भी हैं। अक्सर मथुरा-वृंदावन के लोग गले में कंठी माला पहनते हैं। ऐसा माना जाता है कि तुलसी भगवान कृष्ण को बहुत प्रिय है, इसलिए भक्त तुलसी की जड़ और लकड़ी से बनी माला पहनते हैं।

इस माला को धारण करने से भगवान श्री कृष्ण अपने भक्त पर प्रसन्न होते हैं और इसे धारण करने से व्यक्ति को कई प्रकार के पापों से मुक्ति मिल जाती है। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि तुलसी माला पहनने का एक नियम है, हर कोई तुलसी माला नहीं पहन सकता है और जो लोग तुलसी माला पहनते हैं वे भी हर जगह नहीं जा सकते हैं। अगर आप इसके बारे में नहीं जानते हैं तो आइए जानते हैं हमारे ज्योतिष विशेषज्ञ शिवम पाठक से।

इन स्थानों पर तुलसी की माला पहनकर नहीं चलना चाहिए

अंत्येष्टि में न जाएं
लोगों को तुलसी की माला पहनकर अंत्येष्टि में नहीं जाना चाहिए और न ही तुलसी की माला पहनकर श्मशान घाट में जाना चाहिए। यदि जाना ही पड़े तो इसे उतारकर गंगा जल में विसर्जित कर देना चाहिए और अंतिम संस्कार में शामिल होना चाहिए। साथ ही वापस आकर अपने नाखून काट लें, बाल धो लें और नहा लें और अगर आप पुरुष हैं तो अपने कपड़े बदल लें। इसके बाद गंगाजल पीकर खुद को शुद्ध करें और तुलसी की माला पहनें।

मांस का सेवन न करें
कंठी माला धारण करने वाले व्यक्ति को तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। कंठी माला पहनने और तामसिक या मांस खाने से तुलसी माला का अपमान होता है और पाप लग सकता है। यदि आपको मांस-मछली खाना हो या ऐसी जगह जहां मांस-मछली खाई जाती हो, तो तुलसी की माला नहीं पहननी चाहिए।

धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें
मांस और मछली खाने के साथ-साथ जो लोग तुलसी की माला पहनते हैं उन्हें शराब और सिगरेट के सेवन से भी बचना चाहिए। कंठी या माला पहनने का अर्थ है शरीर और मन की पवित्रता। इसके अलावा सनातन धर्म में सिगरेट और शराब को अपवित्र माना जाता है। ऐसे में अगर आप तुलसी की माला पहनकर बार में जाते हैं या शराब का सेवन करते हैं तो इससे भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और तुलसी माता का भी अपमान होता है।