इस संबंध में मुंबई क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक, तस्करी की गई ये तीनों पिस्तौलें भारत-पाक सीमा से ड्रोन के जरिए देश में लाई गई थीं, जिसके बाद हैंडलर इन्हें मुंबई पहुंचाने का काम करते थे. मुंबई में हथियार पहुंचाने के बाद इन हथियारों की मदद से सिद्दीकी पर हमला किया गया. चूंकि इन विदेशी हथियारों पर प्रतिबंध है तो ये हथियार देश में कैसे आये, सिद्दीकी की हत्या के बाद दो सवाल पूछे जा रहे हैं.
अपराध शाखा के अधिकारियों को संदेह है कि हथियारों को ड्रोन के माध्यम से पंजाब या राजस्थान सीमा के माध्यम से पाकिस्तान से देश में तस्करी कर लाया गया था और बिश्नोई गिरोह तक पहुंचाया गया था। हालांकि, जीशान या शुभम लोनकर नाम के दो आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही यह मामला स्पष्ट हो सकेगा. फिलहाल ये दोनों आरोपी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश कर रही है. एम
मुंबई पुलिस ने राजस्थान और पंजाब पुलिस को हथियारों की तस्वीरें भी भेजी हैं और उनसे यह स्पष्ट करने को कहा है कि क्या उनके पास इस मामले या ऐसे ऑपरेशन में किसी हिस्ट्रीशीटर की भूमिका के बारे में कोई जानकारी है। मुंबई क्राइम ब्रांच इन सवालों को भी सुलझाने की कोशिश कर रही है कि ये हथियार सीमा पार किसने भेजे, किसकी ओर से भेजे गए और सिद्दीकी की हत्या के पीछे का मकसद क्या था। इस बीच इस मामले में लुधियानी से एक और व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद कुल गिरफ्तार आरोपियों की संख्या 15 हो गई है.