लखनऊ, 22 मई (हि.स.)। तथागत भगवान बुद्ध की जयंती की पूर्व संध्या पर बुधवार को बौद्ध विहार शांति उपवन लखनऊ में “तथागत भगवान बुद्ध का भारत” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अवध प्रांत के सामाजिक सद्भाव प्रमुख राजेन्द्र ने कहा कि हमें भगवान बुद्ध की करुणा मैत्री का पालन करना चाहिए। इसी से विश्व का कल्याण होगा।
धर्म संस्कृति संगम के प्रदेश अध्यक्ष अरुण सिंह बौद्ध ने गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के बाद नरेंद्र मोदी पहले प्रधामंत्री है जिन्होंने बुद्ध जयंती को विश्व स्तर पर मनाया। मोदी सरकार में ही बौद्ध आयोग का गठन किया गया। प्रधानमंत्री मोदी इकलौते ऐसे प्रधामंत्री है जिन्होंने भगवान बुद्ध को मानने वाले देशों का निरंतर दौरा किया और उनसे संवाद कायम किया।
अरूण सिंह ने कहा कि यह बुद्ध का भारत है। भारत ने विश्व को युद्ध नहीं बुद्ध दिया यानी अहिंसा दया करुणा मैत्री। प्रधानमंत्री ने हमेशा भारत की अध्यात्मिक शक्ति को देश का भाग्य विधाता और गुलामी के वर्षों में आशा की संजीवनी के रूप में देखा है। वो हमेशा बहुत स्पष्ट रूप से कहते है भारत की गौरव पूर्ण स्वतंत्रता आंदोलन की पीठिका भारत की अध्यात्मिक शक्ति पर आधारित है।
प्रधानमंत्री अक्सर “भगवान बुद्ध के सूक्त वाक्य “अप्प दीपो भवः” अपना पथ स्वयम प्रदर्शित करो। वैसे तो हर अध्यात्मिक व्यक्ति इस अवधारणा से खुद को जोड़ेगा परंतु प्रधानमंत्री जैसे वैश्विक व्यक्ति के लिए ये सूत्र बहुत व्यापक रूप ले लेते हैं। एक दीप के तौर पर व्यक्ति महज स्वयं को ही नहीं वरन समस्त सृष्टि को प्रकाशमय बनाता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता बौद्ध भिक्षु शील रतन ने की।