प्रदर्शनी के जरिए लुप्त हो रही क्राफ्ट कला को बचाना हैः राज्यपाल

कानपुर, 27 जनवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को मोतीझील स्थित लाजपत भवन में आयोजित क्राफ्टरूट्स प्रदर्शनी में प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न राज्यों से आए कारीगरों का उत्साहवर्द्धन करते हुए लगाए गए स्टालों का अवलोकन किया और कहा कि लुप्त हो रही क्राप्ट कला को बचाना है।

क्राफ्ट रूट्स प्रदर्शनी 26 जनवरी से 30 जनवरी तक आयोजित की जा रही है। शनिवार को शहर पहुंची राज्यपाल ने कहा कि क्राफ्ट रूट्स भारत के 21 राज्यों में 25 हजार से अधिक कारीगरों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित एक अग्रणी संस्था है। यह शिल्प प्रदर्शनी हमारे सांस्कृतिक रूप से समृद्व राष्ट्र के विभिन्न कोनों से 80 शिल्पों का प्रतिनिधित्व करने वाले 100 से अधिक कारीगरों को एक जीवंत मंच प्रदान करेगी। क्राफ्ट रुट्स कानपुर प्रदर्शनी परम्परा और नवीनता के अनूठे मिश्रण का वादा करती है। जिसमें कांच बनाने, मिट्टी के बर्तन, पारम्परिक नेल पेंटिग और विभिन्न अन्य शिल्पों में लाइव कार्यशालाएं शामिल है।

इस प्रदर्शनी के माध्यम से आगंतुकों को इन शिल्पों के पीछे की जटिल प्रक्रियाओं को देखने का अवसर मिलेगा। जिससे कारीगरों के कौशल और समर्पण के प्रति गहरी सराहना बढे़गी। उन्होंने कहा कि अब तक लगभग 60 प्रदर्शनी आयोजित हो चुकी है। लेकिन जितना प्यार व सहयोग कानपुर में मिला है इतना कहीं और नहीं मिला। इससे कारीगरों का उत्साह बढे़गा और उनकी कला को सम्मान मिलेगा।

उन्होंने कहा कि क्राफ्ट हमारी कला है, जो लुप्त हो रही है। ऐसी प्रदर्शनी का आयोजन कर लुप्त हो रही कला को बचाना है और कारीगरों को अवसर प्रदान करना है। क्राफ्ट से गरीब लोग जुडे हैंं, हमें उनकी मदद एवं सहयोग करना है। गरीब कमाएगा तो अपने बच्चों को पढ़ायएगा और उनकी अच्छी परवरिश करेगा।

राज्यपाल ने कहा कि हमारा जो कौशल है उसको बचाना है। यदि हम थोड़ा सहयोग करेंगे तो लोगों को रोजगार मिलेगा, यही क्राफ्ट रूट का लक्ष्य है। आपका का थोड़ा सा सहयोग कितने लोगों की मदद करता है। यह कार्यक्रम भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उत्सव है, जो विभिन्न राज्यों के कारीगरों को अपनी शिल्प कौशल दिखाने और पारम्परिक कलाओं को बढ़ावा देने में योगदान देने के लिए एकजुट करता है। इस अवसर पर महापौर प्रमिला पाण्डेय, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति विनय पाठक सहित आयोजक गण, विभिन्न राज्यों से आए शिल्पकार व जनसामान्य उपस्थित रहे।