Punjab Flood Alert: पहाड़ों पर बारिश, मैदानों में तबाही! गुरदासपुर और तरन तारन में बाढ़ की चेतावनी जारी
Punjab Flood Alert: पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश का असर अब पंजाब के मैदानी इलाकों में दिखने लगा है। राज्य की दो प्रमुख नदियों, रावी और ब्यास, का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिससे कई जिलों में बाढ़ का गंभीर खतरा पैदा हो गया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, प्रशासन ने गुरदासपुर और तरन तारन जिलों में बाढ़ की चेतावनी (Flood Warning) जारी कर दी है और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है।
नदियों के उफान पर होने और रणजीत सागर बांध से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण इन दोनों जिलों के नदी किनारे बसे दर्जनों गांवों पर 'जल प्रलय' का संकट मंडरा रहा है। प्रशासन 'युद्धस्तर' पर राहत और बचाव कार्यों की तैयारी में जुट गया है और एनडीआरएफ (NDRF) की टीमों को भी अलर्ट पर रखा गया है।
क्यों बिगड़े हालात? (रावी और ब्यास उफान पर)
इस बाढ़ की स्थिति के पीछे मुख्य रूप से दो बड़े कारण हैं:
- पहाड़ों में भारी बारिश: हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों (catchment areas) में पिछले कई दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है। इस बारिश का सारा पानी बहकर रावी और ब्यास नदियों में आ रहा है, जिससे उनका जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया ਹੈ।
- रणजीत सागर बांध से छोड़ा गया पानी: रावी नदी पर बने रणजीत सागर बांध (जिसे थीन बांध भी कहते हैं) का जलस्तर भी अपने उच्चतम स्तर के करीब पहुंच गया है। बांध की सुरक्षा को देखते हुए, प्रशासन को मजबूरन इसके गेट खोलने पड़े हैं, जिससे भारी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा ਹੈ। इसी पानी ने नदी के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा कर दिया है।
गुरदासपुर और तरन तारन में क्या हैं मौजूदा स्थिति?
यह दोनों जिले सीधे तौर पर रावी और ब्यास नदियों के किनारे स्थित हैं, जिसके कारण यहां सबसे ज्यादा असर देखने को मिल रहा ਹੈ।
- गुरदासपुर (Gurdaspur): गुरदासपुर जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर है क्योंकि रावी नदी यहां खतरे के निशान के करीब बह रही है। नदी के किनारे स्थित कई गांवों, खासकर डेरा बाबा नानक और अन्य सीमावर्ती इलाकों के निवासियों को सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा गया ਹੈ। प्रशासन ने बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किए हैं और लगातार पानी के स्तर की निगरानी कर रहा ਹੈ।
- तरन तारन (Tarn Taran): यहां ब्यास नदी का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। नदी के किनारे बसे गांवों में पानी घुसने का खतरा सबसे ज्यादा ਹੈ। जिला प्रशासन ने इन गांवों को खाली कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी ਹੈ और लोगों से अपील की ਹੈ कि वे तत्काल प्रभाव से सुरक्षित और ऊंचे स्थानों पर चले जाएं। बचाव और राहत कार्यों के लिए राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की टीमों को भी तैनात किया गया है।
प्रशासन की तैयारी और लोगों से अपील
पंजाब सरकार और दोनों जिलों का स्थानीय प्रशासन स्थिति को संभालने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद ਹੈ।
- कंट्रोल रूम स्थापित: दोनों जिलों में 24x7 काम करने वाले बाढ़ कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं, जहां से स्थिति पर नजर रखी जा रही ਹੈ।
- NDRF/SDRF अलर्ट पर: राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF/SDRF) की टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में उन्हें तुरंत भेजा जा सके।
- लोगों से अपील: प्रशासन ने नदी किनारे के निवासियों से अपील की ਹੈ कि वे घबराएं नहीं, लेकिन पूरी सावधानी बरतें। उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने, अपने मवेशियों को बचाने और किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न देने के लिए कहा गया ਹੈ।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग (IMD) ने आने वाले 24 से 48 घंटों में भी पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश का अनुमान जताया है, जिसका मतलब ہے کہ नदियों का जलस्तर अभी और बढ़ सकता है। यह एक गंभीर स्थिति है और अगले कुछ दिन पंजाब के इन जिलों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होने वाले हैं।
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