Waqf Law: वक्फ कानून मुद्दे पर भारी हंगामा, मुर्शिदाबाद जला, 5000 लोग रेल की पटरियों पर बैठे

वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के कई जिलों में विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। भीड़ ने मुर्शिदाबाद, मालदा और जंगीपुर जैसे इलाकों में सड़क और रेल यातायात बाधित कर दिया। कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंके और सार्वजनिक वाहनों में आग लगा दी। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का प्रयोग करना पड़ा। 

मुर्शिदाबाद में हिंसा
: सबसे ज्यादा तनाव दरअसल मुर्शिदाबाद जिले के सुती और शमशेरगंज में देखा गया, जहां शुक्रवार की नमाज के बाद बड़ी संख्या में लोग वक्फ एक्ट के विरोध में एकत्र हुए थे। भीड़ ने जुलूस निकाला और एनएच 12 पर यातायात जाम कर दिया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहन पर पत्थर फेंके। इसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई, जिसमें 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए। कुछ प्रदर्शनकारियों ने बम जैसी वस्तुएं फेंकी, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। 

लोग पटरियों पर बैठ गए।
प्रदर्शनकारियों ने धुलियागंगा और निमतिता स्टेशनों के बीच रेलवे पटरियों पर भी नियंत्रण कर लिया। बताया जाता है कि यहां करीब 5000 लोग पटरियों पर बैठ गए, जिससे कामाख्या पुरी एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनें प्रभावित हुईं। मालदा जिले में भी प्रदर्शनकारियों ने पटरियों पर धरना देकर रेल सेवाएं बाधित कीं। पूर्वी रेलवे के फरक्का-अजीमगंज खंड पर भी ट्रेनों की आवाजाही रोक दी गई। 

राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि लोकतंत्र में सभी को विरोध करने का अधिकार है। लेकिन हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि कानून अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने राज्य सरकार से उपद्रवियों के खिलाफ तत्काल और प्रभावी कार्रवाई करने को कहा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार संपर्क बनाए रखा गया है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है। 

बीएसएफ ने मोर्चा संभाल लिया।
स्थिति बिगड़ती देख जिला प्रशासन ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) से हस्तक्षेप करने की सिफारिश की। बीएसएफ दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता नीलोत्पल कुमार पांडे ने कहा कि प्रशासन के अनुरोध पर जवानों को घटनास्थल पर भेजा गया है और वे स्थानीय प्रशासन की मदद से स्थिति को सामान्य करने के लिए काम कर रहे हैं। 

विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा और धारा 355 लागू करने की मांग की । उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए कहा कि यह हिंसा संविधान विरोधी मानसिकता का नतीजा है और राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ चुकी है। उन्होंने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की और अनुच्छेद 355 को लागू करने की बात कही। अधिकारी ने यह भी सवाल उठाया कि अगर मुर्शिदाबाद में बीएसएफ की तैनाती हो सकती है तो अन्य जिलों में क्यों नहीं। 

राज्य पुलिस ने एक आधिकारिक पोस्ट में कहा कि जंगीपुर के सुती और शमशेरगंज में स्थिति अब नियंत्रण में है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर दिया है और राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात सामान्य हो गया है। हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ छापेमारी जारी है और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।