
नई दिल्ली: वक्फ संपत्तियों से जुड़ा बहुप्रतीक्षित वक्फ संशोधन बिल आज दोपहर 12 बजे लोकसभा में पेश किया जाएगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने इस पर चर्चा के लिए 8 घंटे का समय निर्धारित किया है, जिसके बाद बिल को सदन में पास कराए जाने की पूरी संभावना है। इस बिल को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच तनावपूर्ण माहौल बन चुका है, और दोनों पक्ष अपनी-अपनी रणनीति के साथ तैयार खड़े हैं।
बिल को लेकर NDA में एकजुटता
सरकार की ओर से इस बिल को पास कराने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। एनडीए में शामिल दलों ने एकजुटता दिखाते हुए बिल के समर्थन में आगे आने का ऐलान किया है।
अब तक समर्थन देने वाले प्रमुख दलों में शामिल हैं:
- नीतीश कुमार की जेडीयू
- चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी
- एच. डी. देवगौड़ा की पार्टी
- चिराग पासवान की एलजेपी
- जीतनराम मांझी की पार्टी
- जयंत चौधरी की पार्टी
- कर्नाटक की जेडीएस के दोनों सांसद भी बिल के पक्ष में वोट करेंगे
सभी सहयोगी दलों ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर सदन में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं।
बीजेपी की हाई लेवल बैठक: रणनीति तैयार
वक्फ संशोधन बिल को लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर एक अहम बैठक हुई। बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल समेत कई वरिष्ठ नेता और मंत्री मौजूद रहे। बैठक में बिल को पास कराने के लिए अंतिम रणनीति पर चर्चा की गई और सांसदों की उपस्थिति सुनिश्चित करने की योजना बनाई गई।
विपक्ष ने बिल का किया विरोध, मांगी 12 घंटे की चर्चा
विपक्ष इस बिल को लेकर पूरी तरह सतर्क और आक्रामक रुख अपनाए हुए है। विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA ब्लॉक ने संसद भवन में बैठक कर अपनी रणनीति बनाई। विपक्ष की मांग है कि इस बिल पर चर्चा का समय 8 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे किया जाए ताकि हर पक्ष को अपनी बात कहने का पूरा मौका मिल सके।
बिल के विरोध में खड़ी पार्टियों में शामिल हैं:
- तमिलनाडु की AIADMK
- नवीन पटनायक की बीजद (BJD)
- के चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति (BRS)
ये सभी पार्टियां अब तक तटस्थ रहीं हैं लेकिन वक्फ बिल पर विपक्ष के साथ खड़ी दिखाई दे रही हैं, जिससे सरकार के लिए एक नई चुनौती पैदा हो सकती है।
बिल को मिली थी फरवरी में कैबिनेट की मंजूरी
19 फरवरी 2025 को केंद्रीय कैबिनेट ने वक्फ संशोधन बिल को मंजूरी दी थी। इससे पहले इस बिल पर जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) का गठन हुआ था। JPC की रिपोर्ट 13 फरवरी को संसद के बजट सत्र के पहले चरण में पेश की गई थी।
मुख्य बातें:
- JPC ने 30 जनवरी को अपनी 655 पेज की रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को सौंपी थी।
- रिपोर्ट सौंपने के समय JPC अध्यक्ष जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे सहित कई बीजेपी सांसद मौजूद थे।
- रिपोर्ट पेश होते समय विपक्ष के कोई भी सदस्य मौजूद नहीं थे, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि विपक्ष शुरू से ही इस बिल के पक्ष में नहीं रहा है।
क्या है वक्फ संशोधन बिल?
वक्फ संशोधन बिल का उद्देश्य देश भर में वक्फ संपत्तियों से जुड़ी प्रशासनिक प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाना, विवादों को हल करना और गैरकानूनी कब्जों को रोकना है। इसके तहत कई कानूनी प्रावधानों में बदलाव किए जा रहे हैं, जिन पर विपक्ष को आपत्ति है। विपक्ष का कहना है कि यह बिल कुछ समुदायों के अधिकारों को प्रभावित कर सकता है।