सुबह उठकर पीते हैं गर्म पानी? रुकिए! आयुर्वेद के अनुसार, ये 5 लोग कर रहे हैं बहुत बड़ी गलती

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"सुबह उठो और खाली पेट एक गिलास गुनगुना पानी पियो... पेट साफ होगा, वजन घटेगा और स्किन चमकेगी!" यह सलाह आपने हजारों बार सुनी होगी, और शायद आप इसे मानते भी होंगे। आज के समय में, सुबह गर्म पानी पीना एक फैशन जैसा बन गया है।

लेकिन क्या यह 'हेल्दी आदत' हर किसी के लिए वाकई फायदेमंद है? आयुर्वेद की मानें तो, बिल्कुल नहीं!

जी हां, आयुर्वेद के अनुसार, हर इंसान का शरीर अलग होता है और उसकी प्रकृति (वात, पित्त, कफ) भी अलग-अलग होती है। जो चीज एक के लिए अमृत है, वही दूसरे के लिए जहर का काम कर सकती है। गर्म पानी के साथ भी कुछ ऐसा ही है।

आयुर्वेद के एक्सपर्ट्स ने साफ तौर पर बताया है कि कुछ खास तरह के लोगों को सुबह खाली पेट गर्म पानी पीने से बचना चाहिए, वरना फायदे की जगह उन्हें गंभीर नुकसान झेलने पड़ सकते हैं।

 

कहीं आप तो नहीं हैं इन 5 लोगों में शामिल?

1. जिन्हें बहुत ज्यादा पित्त (Acidity) की समस्या है
अगर आपके सीने या पेट में अक्सर जलन रहती है, खट्टी डकारें आती हैं, या एसिडिटी की शिकायत रहती है, तो आपकी पित्त प्रकृति बढ़ी हुई है। गर्म पानी खुद गर्म तासीर का होता है। ऐसे में जब आप सुबह-सुबह गर्म पानी पीते हैं, तो यह आग में घी डालने जैसा काम करता है और आपकी एसिडिटी की समस्या को और भी ज्यादा बढ़ा सकता ਹੈ।

2. जिनके शरीर में बहुत ज्यादा रूखापन (Dryness) है
क्या आपकी त्वचा और बाल अक्सर रूखे और बेजान लगते हैं? क्या आप कब्ज़ से पीड़ित हैं? यह शरीर में वात या अकड़न बढ़ने का संकेत है। गर्म पानी पीने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है और यह रूखापन और बढ़ सकता है, जिससे आपकी समस्याएँ कम होने के बजाय और बढ़ सकती हैं।

3. जिन्हें नाक से खून आने (Nose Bleeding) की समस्या है
जिन लोगों को अक्सर रक्तस्राव की समस्या होती है, उनके शरीर की गर्मी बढ़ जाती है। गर्म पानी इस गर्मी को बढ़ा सकता है और नाक से खून आने की आवृत्ति बढ़ा सकता है।

4. जो अल्सर या मुंह में छालों से परेशान हैं
पेट में अल्सर हो या मुंह में बार-बार छाले होते हों, इन दोनों का ही कारण शरीर में बढ़ी हुई गर्मी (पित्त) होता ਹੈ। ऐसे लोगों के लिए सुबह गर्म पानी पीना छालों और अल्सर के दर्द और जलन को बढ़ा सकता है।

5. गर्भवती महिलाएं (Pregnant Women)
गर्भावस्था के दौरान शरीर में पहले से ही कई हार्मोनल और शारीरिक बदलाव होते हैं। इस दौरान, डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह के बिना अपनी दिनचर्या में कोई भी बड़ा बदलाव न करें, जिसमें गर्म पानी पीना भी शामिल है।

तो फिर क्या करें?

अगर आप इन समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपको पानी नहीं पीना चाहिए। आप सुबह उठते ही सादा, कमरे के तापमान का पानी या गुनगुना (गर्म नहीं) पानी पी सकते हैं।

सबसे जरूरी बात: किसी भी ट्रेंड को आंख बंद करके फॉलो न करें। अपने शरीर की सुनें, उसकी प्रकृति को समझें। आयुर्वेद का यही मूल सिद्धांत है कि हर इलाज व्यक्तिगत होता ਹੈ। जो आपके दोस्त के लिए फायदेमंद है, वह आपके लिए हो, यह जरूरी नहीं!

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