दिल्ली चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और उनकी पत्नी के वोटर लिस्ट में नामों को लेकर विवाद छिड़ गया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आरोप लगाया है कि संजय सिंह और उनकी पत्नी के नाम तीन अलग-अलग स्थानों की वोटर लिस्ट में दर्ज हैं। इस मुद्दे पर दोनों पार्टियों के बीच सियासी घमासान तेज हो गया है।
बीजेपी का आरोप: वोटर लिस्ट में गड़बड़ी
गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी दिल्ली के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने संजय सिंह और उनकी पत्नी पर आरोप लगाते हुए कहा:
- संजय सिंह का नाम दिल्ली के दो विधानसभा क्षेत्रों और उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर की वोटर लिस्ट में दर्ज है।
- उनकी पत्नी का नाम भी दो अलग-अलग जगहों पर दर्ज है।
- वीरेंद्र सचदेवा ने दावा किया कि संजय सिंह ने अपने एफिडेविट में हरिनगर विधानसभा क्षेत्र में रहने की बात कही है, जबकि उनका नाम सुल्तानपुर नगर पालिका परिषद की वोटर लिस्ट में भी मौजूद है।
- बीजेपी ने इस दौरान संजय सिंह के पिता का नाम, पता, और वोटर आईडी कार्ड की जानकारी भी सार्वजनिक की।
बीजेपी का आरोप: चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी
- बीजेपी ने इसे कानूनी अपराध बताते हुए चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाया।
- बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा:
“संजय सिंह और उनकी पत्नी का एक से अधिक जगह पर वोटर लिस्ट में नाम दर्ज होना गंभीर मामला है।”
संजय सिंह की सफाई
संजय सिंह ने इन आरोपों पर सफाई देते हुए कहा:
- उनका नाम सुल्तानपुर वोटर लिस्ट से हटाने के लिए आवेदन दिया गया था, लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही के कारण यह नाम अब तक नहीं हट सका।
- उन्होंने कहा कि बीजेपी जानबूझकर यह मुद्दा उछाल रही है।
संजय सिंह ने आरोप लगाया कि:
- बीजेपी ने उनकी पत्नी का नाम दिल्ली की वोटर लिस्ट से हटाने की कोशिश की।
- उन्होंने इसे पूर्वांचली वोटर्स के खिलाफ साजिश बताया।
आप की प्रतिक्रिया: पूर्वांचली वोटर्स का मुद्दा
संजय सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी पर पूर्वांचलियों के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया।
- उन्होंने कहा:
- “बीजेपी दिल्ली में पूर्वांचली वोटर्स के वोट कटवा रही है।”
- “पूर्वांचलियों को रोहिंग्या और घुसपैठिया कहकर अपमानित किया जा रहा है।”
- सिंह ने ऐलान किया कि वह सड़क से संसद तक इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएंगे।
चुनावी राजनीति का असर
यह विवाद आगामी दिल्ली चुनावों में बड़ा मुद्दा बन सकता है।
- बीजेपी की रणनीति:
- संजय सिंह और उनकी पत्नी पर लगाए गए आरोप को लेकर वोटर लिस्ट की पारदर्शिता को सवालों के घेरे में लाना।
- आप की रणनीति:
- इसे पूर्वांचलियों के खिलाफ साजिश के रूप में पेश करके इस समुदाय के वोटर्स को साधने की कोशिश।
विवाद का राजनीतिक महत्व
- पूर्वांचली वोटर्स का प्रभाव:
दिल्ली में पूर्वांचली वोटर्स का बड़ा राजनीतिक प्रभाव है। - बीजेपी बनाम आप:
दोनों पार्टियां इन वोटर्स को लुभाने के लिए इस मुद्दे को चुनावी हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकती हैं।