नेशनल पेंशन सिस्टम: एनपीएस के तहत आने वाले केंद्रीय कर्मचारियों की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति को लेकर सरकार ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग की इस नई गाइडलाइन के अनुसार, 20 साल की नियमित सेवा पूरी कर चुके केंद्रीय कर्मचारी अगर चाहें तो नियुक्ति प्राधिकारी को तीन महीने का नोटिस देकर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की अनुमति ले सकते हैं।
पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने 11 अक्टूबर 2024 को एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया है। इन नए नियमों के अनुसार, 20 साल की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारी अगर चाहें तो इसके बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें उस प्राधिकरण के पास आवेदन करना होगा जिसने उन्हें नियुक्त किया है। अगर प्राधिकरण केंद्रीय कर्मचारी के अनुरोध को खारिज नहीं करता है तो नोटिस अवधि समाप्त होते ही सेवानिवृत्ति प्रभावी हो जाएगी।
इस नियम के अनुसार, अगर कोई केंद्रीय सरकारी कर्मचारी तीन महीने से कम की नोटिस अवधि में रिटायर होना चाहता है, तो उसे इसके लिए लिखित में अनुरोध करना होगा। नियुक्ति प्राधिकारी अनुरोध पर विचार करने के बाद नोटिस अवधि को छोटा कर सकता है। एक बार जब कोई केंद्रीय सरकारी कर्मचारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए नोटिस देता है, तो वह प्राधिकारी की मंजूरी के बिना इसे वापस नहीं ले सकता है। इसे वापस लेने के लिए, सेवानिवृत्ति की अनुमति मांगने की तारीख से 15 दिन पहले आवेदन करना होगा।
पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoP&PW) के कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, जो सरकारी कर्मचारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले रहे हैं, उन्हें PFRDA विनियम 2015 के तहत सभी लाभ दिए जाएंगे। उन्हें मानक सेवानिवृत्ति आयु पर वे सभी सुविधाएं मिलेंगी जो एक नियमित सरकारी कर्मचारी को सेवानिवृत्ति पर दी जाती हैं। अगर कोई सरकारी कर्मचारी व्यक्तिगत पेंशन खाता जारी रखना चाहता है या सेवानिवृत्ति की तिथि पर राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत मिलने वाले लाभों को स्थगित करना चाहता है, तो वह PFRDA विनियम के तहत यह विकल्प अपना सकता है।
पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग के अनुसार, यदि कोई कर्मचारी विशेष स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना के तहत अधिशेष कर्मचारी होने के कारण सेवानिवृत्त होता है, तो ऐसे कर्मचारियों पर यह नियम लागू नहीं होगा। साथ ही, यदि कोई कर्मचारी सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त होने के बाद किसी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम या स्वायत्त निकाय में रखा जाता है, तो उन पर भी यह नियम लागू नहीं होगा।